पालकमंत्री फडणवीस के सामने कई चुनौतियां

वर्धा पालकमंत्री फडणवीस के सामने कई चुनौतियां

Tejinder Singh
Update: 2022-09-27 14:21 GMT
पालकमंत्री फडणवीस के सामने कई चुनौतियां

डिजिटल डेस्क, वर्धा. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान उपमुख्यमंत्री व वर्धा जिले के पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने वर्धा जिले के अनेक समस्याओं की चुनौतियां खड़ी हैं। उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जिले में वर्षा ऋतु मंे जुलाई व अगस्त में सभी तहसीलों में अतिवृष्टि हुई है। अतिवृष्टि के कारण जिले में ढाई लाख हेक्टयर में खरीफ की फसल बर्बाद हो गई। जिले के ग्रामीण भागों के पुल व रास्तों को क्षति पहुंची है। किसानों को मुआवजा व सहायता एवं मार्गों पर पुल बनाने की चुनौती उनके समक्ष है।  पिछड़े हुए वर्धा जिले में अनेक सूतगिरणियां बंद पड़ी हैं। हिंगणघाट शहर के डागा व मोहता मिल भी बंद पड़ी है। जिले की कई तहसील में एमआईडीसी बनाई गई। लेकिन वहां कोई भी बड़ा उद्योग नहीं आया है। देवली की एमआईडीसी में कुछ कंपनियां शुरू हैं। वही समीपस्थ भुगांव की उत्तम गल्वा कंपनी में जिले के ऊंगलियों पर गिनने लायक कर्मचारी होने के कारण जिले में बेरोजगारी अधिक हैं। कोरोना के संकट में इसमें और इजाफा हुआ है। मांडवा का प्रकल्प भी शुरू होने के पहले ही बंद पड़ गया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पूर्ति कारखाने से किसानों व युवाओं को बड़ी आशा थी। लेकिन यह प्रकल्प सफेद हाथी साबित हो रहा है। सिंदी रेलवे के ड्रायपोर्ट में महज दीवारंे खड़ी की गईं। काम शुरू नहीं हुआ। जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर हैं। लेकिन किसान तीन से चार वर्ष से कम पैदावार का सामना कर रहे हैं। किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। वर्ष समाप्त नहीं हुआ हैं। इस वर्ष जुलाई व अगस्त महीने में हुई अतिवृष्टि के कारण तकरीबन ढाई लाख एकड़ फसल तबाह हो गई है। उन किसानों को आर्थिक सहायता की जा रही है। लेकिन उत्पादन में कमी आने की संभावना है। अनेक किसानों के खेतों की मिट्‌टी तक बह जाने वे वह अनेक वर्षों तक खेती नहीं कर सकेंगे। उनके लिए रोजगार निर्माण करने की आवश्यकता है। बारिश के कारण कई पुल, रास्ते, मकानों का नुकसान हुआ है। कई स्कूलों की व ग्राम पंचायतों की इमारतों को नुकसान पहुचा हैं, उन्हें सहायता करना जरूरी हैं। नियोजन समिति का निधी आने के बावजूद जिला परिषद व सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग को नहीं दिया गया हैं। इस कारण कई विकासकार्य थम गए हैं। उन्हें तत्काल आरंभ कर काम पूरा करने की आवश्यकता है। जैसे अनेक चुनौतियां फडणवीस के सामने हैं।द देखना दिलचस्प होगा कि वह इन चुनौतियों से कैसे सामना कर जनता को कैसे निजात दिलाते हैं।

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