माचिस की तरह है कई बस्तियां - एक चिंगारी ही मचा सकती है तबाही , गली-कूचों में चल रही दर्जनों फैक्ट्री
माचिस की तरह है कई बस्तियां - एक चिंगारी ही मचा सकती है तबाही , गली-कूचों में चल रही दर्जनों फैक्ट्री
डिजिटल डेस्क कटनी । दिल्ली के रिहायशी इलाके में संचालित फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। यदि कटनी का प्रशासन इस घटना से सबक नहीं लिया तो शहर के अंदर गली-कूचों में संचालित फैक्ट्री लोगों की तबाही का कारण बन सकते हैं। एक तो फायर स्टेशन और फैक्ट्रियों के बीच जो दूरी है। उसमें अग्निशमन वाहन को फैक्ट्री तक पहुंचने में ही आधा से एक घंटा का समय लगेगा। इसके बाद भी वह तंग गलियों से फैक्ट्री तक नहीं पहुंच सकेगा। दैनिक भास्कर ने रविवार को गलियों के अंदर संचालित होने वाली फैक्ट्री का जायजा लिया तो कई फैक्ट्री ऐसी रहीं। जहां पर बड़ा अग्निशमन वाहन से आग पर काबू नहीं पाया जा सकता।
स्कूल में खतरा
माधवनगर के उत्कृष्ट विद्यालय में चौबीस घंटे खतरा मंडराता रहता है। स्कूल के ठीक पीछे ही कुछ फैक्ट्री संचालित होती है। जिस जगह पर फैक्ट्री संचालित होती हैं, वहां तक पहुंचने के लिए जो पहुंच मार्ग है। वह इतना संकरा है कि मुश्किल से ही अग्निशमन का बड़ा वाहन यहां तक पहुंच पाएगा।
इसके अगल-बगल सैकड़ों लोग निवासरत हैं। इसी फैक्ट्री के समीप शासकीय छात्रावास भी बनाया जा रहा है।
नहीं पहुंचेगा वाहन
इससे और बद्तर तस्वीर इसी क्षेत्र में सामने आई है। ग्राम पंचायत तिराहा से आगे बढ़ते हुए जब माधवनगर में अंदर गली की तरफ जाते हैं, तो एक तंग
गली में छोटी फैक्ट्री मिलती है। यह फैक्ट्री उस मार्ग में संचालित हो रही है। जिस मार्ग में कोई भी चौपहिया वाहन नहीं गुजर सकता। आसपास पूरा
रिहायशी क्षेत्र है। ऐसे में आग की अनहोनी घटना से चौबीस घंटे लोगों पर खतरा मण्डरता रहता है।
यहां पर भी खतरा
इसके साथ इस क्षेत्र में और अन्य जगहों पर कई तरह की फैक्ट्री संचालित हो रही हैं। जिनसे रिहायशी क्षेत्र को खतरा बना हुआ है। गली के अंदर संचालित
होनी वाली फैक्ट्री खतरे के साये में संचालित हो रही हैं। भूल-भुलैया वाली गली में संचालित होने वाली फैक्ट्री पूरे क्षेत्र में खतरे का कारण बन सकती है।