मॉस्क का विवाद, डॉक्टर पर मरीज को थप्पड़ मारने का लगा आरोप

कटनी मॉस्क का विवाद, डॉक्टर पर मरीज को थप्पड़ मारने का लगा आरोप

Safal Upadhyay
Update: 2022-09-01 13:00 GMT
मॉस्क का विवाद, डॉक्टर पर मरीज को थप्पड़ मारने का लगा आरोप

डिजिटल डेस्क,कटनी। जिला अस्पताल के कक्ष क्रमांक 6 में बुधवार को उस समय हडक़ंप मच गया, जब डॉक्टर और मरीज के बीच जमकर कहासुनी हुई। मरीज और उनके परिजनों का आरोप रहा कि डॉक्टर ने थप्पड़ मारा है। विवाद और शोर-शराबा सुन अस्पताल का स्टाफ और पुलिस भी पहुंची। पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग-अलग किया। इसके बाद यह मामला सिविल सर्जन तक भी पहुंचा। जिन्होंने थप्पड़ मारने वाले डॉक्टर को जवाब-तलब किया। थप्पड़ कांड से घिरे डॉक्टर ने बताया कि मरीज ने मॉस्क नहीं पहना था। इसी बात को लेकर जब वे आपत्ति जताए तो मरीज और परिजन विवाद करने लगे।

जिला अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि फिलहाल मरीज और परिजन उनके पास नहीं पहुंचे हैं। श्वान के काटने पर पहुंचा था प्रौढ़ कैलवारा फाटक गायत्री नगर निवासी प्रहलाद रजक (55) आवारा श्वान के काटने पर इलाज के लिए पहुंचा हुआ था। साथ में एक युवक भी रहा। ओपीडी में पर्ची कटाने के बाद यह डॉक्टर के पास दिखाने गया। मरीज ने बताया कि वह मॉस्क नहीं पहना था। जिस पर डॉक्टर ने कहा कि मॉस्क पहनने पर ही इलाज होगा। अपने पास रुमाल होने की बात मरीज ने कही तो इसके बाद डॉक्टर भडक़ गए और सीधे कुर्सी से उठते हुए उसे तीन-चार थप्पड़ जड़ दिए। 

गुटखा खाकर पहुंचा था मरीज

इस मामले को जिला अस्पताल स्वयं ही संज्ञान में लिया। थप्पड़ मारने के आरोप में सफाई देते हुए डॉक्टर ने कहा कि मरीज गुटखा खाकर इलाज कराने पहुंचा हुआ था। मरीज और परिजनों को जब समझाईश दी गई कि गुटखा बाहर थूककर मुंह साफ करते हुए मॉस्क पहनकर आने को कहा तो पीडि़त और परिजन ही भडक़ गए। शुरुआती दौर में उन्होंने ही विवाद शुरु किया, सिर्फ वे अपने बचाव के लिए ही कुर्सी से उठे थे। थप्पड़ मारने का विवाद निराधार है।

रोजाना होती है किचकिच

मॉस्क को लेकर रोजाना मरीजों और स्टाफ के बीच किचकिच होती है। कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही अस्पताल में अधिकांश मरीज बगैर मॉस्क के पहुंचते हैं। जिसके चलते गार्ड, मरीज और परिजनों में अक्सर विवाद होता है। हालांकि यह पहली बार है जब तू-तू-मै-मै का विवाद मारपीट तक पहुंचा हो। विवाद के बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आते हुए मॉस्क पर दोपहर से कड़ाई कर दिया है। दोपहर बाद मॉस्क पहनने वाले लोगों को ही गेट के अंदर जाने दिया गया।

इनका कहना है

विवाद की जानकारी लगने पर डॉक्टर से इस संबंध में पूछताछ की गई। जिसमें यह बात सामने आई है कि मरीज बगैर मॉस्क के पहुंचा हुआ था। इसी बात को लेकर दोनों में गर्मागरम बहस हुई। सभी लोगों को यह जानना आवश्यक है कि अभी कोरोना का संक्रमण समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए जब भी कहीं जांए मॉस्क जरुर पहनें।
-डॉ.यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल कटनी
 

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