रात भर दर्द से तड़पती रही प्रसूता, नहीं पहुंची एंबुलेंस - गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने घर में जोखिम के बीच कराया प्रसव

रात भर दर्द से तड़पती रही प्रसूता, नहीं पहुंची एंबुलेंस - गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने घर में जोखिम के बीच कराया प्रसव

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-17 10:19 GMT
रात भर दर्द से तड़पती रही प्रसूता, नहीं पहुंची एंबुलेंस - गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने घर में जोखिम के बीच कराया प्रसव

डिजिटल डेस्क उमरिया । जननी सुरक्षा के लिए जिलेभर में 108 जननी सुरक्षा एक्सप्रेस चलाई जा रही है, लेकिन एंबुलेंस का संचालन करने वाले अपनी मर्जी से मरीजों को लाते और ले जाते हैं। ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किमी दूर बकेली उमरिया गांव में सामने आया है। रातभर प्रसूता दर्द से कराहती रही, परिजनों से लगातार एंबुलेंस के लिए फोन लगाए लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। अंतत: गांव की बुजुर्ग महिलाओं की मदद से महिला का प्रसव कराया गया। गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। 
बकेली निवासी प्रियंका यादव पति चंद्रशेखर (23) को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई थी। परिजनों ने इसकी सूचना गांव की आशा कार्यकर्ता को दी। शाम करीब 6 बजे उसने प्रसव के लिए 108 एंबुलेंस वाहन से संपर्क साधा। कुछ देर से वाहन भेजने का आश्वासन मिला। इधर प्रियंका का दर्द बढ़ रहा था। परिजन शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक फोन लगाते रहे। कलेक्टर तक से इसकी शिकायत की गई, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। जबकि बकेली के पास अमरपुर उपस्वास्थ्य केन्द्र, मानपुर व इंदवार में एक-एक 108 एंबुलेंस तैनात है। इसके अलावा बरही जिला कटनी से भी एमरजेंसी केस में मदद ली जाती है। बरही लोकेशन के वाहन चालक ने यह कहते हुए मना कर दिया कि गांव में कोरोना है हम केस नहीं लेंगे।
मजबूरी में घर में कराया प्रसव 
पति चंद्रशेखर यादव ने बताया पत्नी की हालत बिगड़ती जा रही थी। लिहाजा आशा ने घर में ही प्रसव का निर्णय लिया। जागरुक महिलाओं की मदद से प्रसूता ने बेटी को जन्मा। इसके बाद भी पत्नी प्रियंका का दर्द खत्म नहीं हो रहा था। रातभर महिला दर्द से घर में ही चीखती रही। सुबह उमरिया गांव से एक झोलाझाप डॉक्टर की सहायता से महिला का उपचार कराया गया। 
इनका कहना है
हमने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार कंटेनमेंट जोन के इस केस में मरीज को वाहन के लिए मानपुर से वाहन भेजा था। सुबह एएनएम ने बताया जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं।  
डॉ. व्हीएस चंदेल, बीएमओ मानपुर
रात में यह प्रकरण संज्ञान में आया था। मैंने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल वाहन के निर्देश दिए थे। संस्थागत प्रसव के मामले में एक मिनट की देरी किसी की जान ले सकती है। यह गंभीर लापरवाही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया

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