मैथ्स में हर स्टेप के लिए मिलते हैं नंबर, स्टेप वाइज लिखें आंसर-एक्सपर्ट की सलाह

मैथ्स में हर स्टेप के लिए मिलते हैं नंबर, स्टेप वाइज लिखें आंसर-एक्सपर्ट की सलाह

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-11 10:39 GMT
मैथ्स में हर स्टेप के लिए मिलते हैं नंबर, स्टेप वाइज लिखें आंसर-एक्सपर्ट की सलाह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीएसई 12वीं के मैथ्स पेपर की तैयारी बेहतर हो सकती है, यदि पता हो कि किस टॉपिक से ज्यादा नंबर के सवाल आएंगे। टॉपिक वाइज मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन के आधार पर पिछले दो साल के मैथ्स पेपर को विशेषज्ञ एनालाइज कर बताते हैं कि मैथ्स प्रिपरेशन का अच्छा तरीका है इसकी ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करना। इसमें डिटरमिनेंट्स, डिफरेंशिएबिलिटी-कंटीन्यूटी, 3-डी ज्यॉमेट्री जैसे टॉपिक से ज्यादा नंबर के सवाल आते हैं।

यह टॉपिक हैं स्कोरिंग
एक्सपर्ट का मानना है कि प्रॉबेबिलिटी, इंटीग्रल, वेक्टर एलजबरा, रिलेशंस एंड फंक्शंस, यह कुछ ऐसे टॉपिक्स हैं, जो हमेशा स्कोरिंग होते हैं। स्टूडेंट्स स्ट्रॉन्ग चेप्टर्स को पहले तैयार कर लें, ताकि वीक चेप्टर्स के लिए बाद में ज्यादा वक्त दे सकें। सब्जेक्ट्स के कॉम्बिनेशन भी प्लान कर सकते हैं, जैसे प्रॉबेबिलिटी को इंटीग्रल के साथ पढ़ें। दोनों टॉपिक्स बिलकुल अलग-अलग फ्लेवर व अप्रोच के हैं, ऐसे में माइंड लगातार मैथ्स पढ़कर थकेगा भी नहीं।

हाईलाइट करें स्टेप्स
मैथ्स में हर स्टेप्स पर भी नंबर मिलते हैं। ऐसे में क्वेश्चन सॉल्व करते समय सभी स्टेप्स फॉलो करें। इन स्टेप्स को हाईलाइट भी करें। ऐसे में अगर कैलकुलेशन के कारण फाइनल आंसर कुछ गलत भी आता है, तो कई बार टीचर्स सही स्टेप्स फॉलो करने पर पार्शियल मार्क्स दे देते हैं। स्टेप्स को जंप कर आंसर लिखने पर टीचर को यह कम्युनिकेट नहीं हो पाएगा कि इस आंसर तक आप पहुंचे कैसे हैं। ऐसे वे पूरे नंबर नहीं देंगे।

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