मेट्रो ने दूसरी जगह शिफ्ट किए 52 पेड़, 45 से ज्यादा को मिला जीवनदान

मेट्रो ने दूसरी जगह शिफ्ट किए 52 पेड़, 45 से ज्यादा को मिला जीवनदान

Tejinder Singh
Update: 2018-10-23 15:05 GMT
मेट्रो ने दूसरी जगह शिफ्ट किए 52 पेड़, 45 से ज्यादा को मिला जीवनदान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो की राह में रोड़ा बननेवाले 52 पेड़ों को प्रशासन ने काटा नहीं। बल्की क्रेन के माध्यम से सभी को जड़ से उखाड़कर दूसरी जगह शिफ्ट किया था। वर्तमान में इनमें से 93 प्रतिशत पेड़ खिल रहे हैं। यानी 45 से ज्यादा पेड़ों को मेट्रो ने जीवनदान देने की बात सामने आ रही है। जो कि पर्यावरण हीत में है। इसके अलावा मेट्रो को साकार करने में कुछ पेड़ों की कटाई हुई है। जिसके बदले में मेट्रो ने 11 हजार पेड़ लगाए हैं।

गत 2 वर्षों से मेट्रो रेल की राह बनाई जा रही है। ऐसे में शहर की कई जगहों पर मेट्रो के सामने बड़े-बड़े पेड़ चुनौती बनकर खड़े हैं। जरूरत को देखते हुए भलेही पेडों को काटना मेट्रो के लिए आसान है। लेकिन पर्यावरण के हीत में सोचते हुए मेट्रो ने कुछ पेड़ों को भलेही काटा है। लेकिन गत 2 वर्षों में 52 पेड़ों को एक जगह से निकाल दूसरी जगह पर शिफ्ट किया है। जिन्हें क्रेन के माध्यम से जड़ से बाहर निकालते हुए दूसरे सुरक्षित जगह बोया गया। इसमें बरगत, पिपल, नीम से लेकर कई प्रजाति के पेड़ है। हालांकि इसके लिए प्रसासन को भारी मशक्कत भी करनी पड़ी। लेकिन बिना रूके इस काम को पूरा किया गया। इन पेड़ों को मेट्रो कार्यालय परिसर से लेकर स्कूल, कॉलेज परीसर में लगाए हैं।

इस तरह होता है पेड़ शीफ्ट

रास्ते में आनेवाले किसी भी पेड़ को पहले उपर से काटा जाता है। ताकी आवागमण में दिक्कत न हो। इसके बाद मशीन की साहारे पेड़ों के इर्द-गीर्द खुदाई कराई जाती है। गहरा गड्डा खोदने के बाद क्रेन की साहायता से पेड़ो को जड़ से उखाड़ा जाता है। फिर जड़ को ग्रीन नेट आदि व मिट्‌टी से ढंकते हुए किसी अन्य वाहन की मदद से भेजा जाता है।

ऐसे खील रहे पेड़ 

उक्त निकाले गए पेड़ों को मिहान व लिटील वुड परिसर में लगाया जा रहा है। वर्तमान स्थिति में देखने पर अगस्त माह में मेट्रो भवन परिसर से निकाले गया सीसम का पेड़ आज खिलने की कगार पर है। वही जुलाई माह में नारी स्टेशन से लाये गये पिपल के पेड़ को पत्तियां खील गई है। कॉटन मार्केस से लाये गूलर का पेड़ हरी पत्तियों से घिर गया है। एलएडी स्टेशन से अगस्त माह में लाये पाम के पेड़ भी अच्छी स्थिति में है।

Similar News