शहडोल : 1400 से अधिक स्कूलों में चूल्हों में बन रहा भोजन, LPG कनेक्शन के लिए नहीं मिली राशि

शहडोल : 1400 से अधिक स्कूलों में चूल्हों में बन रहा भोजन, LPG कनेक्शन के लिए नहीं मिली राशि

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-30 08:11 GMT
शहडोल : 1400 से अधिक स्कूलों में चूल्हों में बन रहा भोजन, LPG कनेक्शन के लिए नहीं मिली राशि

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले के अधिकतर स्कूलों में मिड-डे मील चूल्हों में ही बन रहा है। अभी तक जिले के सिर्फ 620 स्कूलों को ही एलपीजी कनेक्शन प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि 2130 स्कूलों में रोजना मिड-डे मील बनता है। वहीं जिले में 311 स्कूल रसोई विहीन हैं। इन स्कूलों में बरामदे या खुले में ही मध्यान्ह भोजन पकाया जाता है।

जोधपुर के भर्रा टोला स्थित प्राइमरी स्कूल में पिछले दिनों मिड-डे मील के चूल्हे में झुलसने से साढ़े चार साल की मासूम की मौत हो गई थी। मासूम की मौत से जहां स्कूल से लेकर अस्पताल स्तर तक गंभीर लापरवाही सामने आई है, वहीं यह सवाल भी उठ रहा है कि जब हर घर को धुएं से मुक्त करने के लिए उज्जवला योजना चलाई जा रही है, तो स्कूलों को इससे अछूता क्यों किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिले को अभी तक दो बार में 650 स्कूलों में एलपीजी के लिए राशि मिली है। इसमें से 620 स्कूलों को गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। 30 स्कूलों ने एलपीजी लेने से मना कर दिया है।

स्कूलों की सूची जा चुकी है
जिले की एमडीएम प्रभारी आभा खरे ने बताया कि एमडीएम परिषद भोपाल को स्कूलों की सूची भेजी जा चुकी है। उन्होंने बताया, शासन के निर्देशानुसार 100 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को एलपीजी उपलब्ध कराना है, इससे कम वालों को नहीं। सिलेंडर भरवाने के लिए भी अलग से राशि नहीं दी जाती है। स्वसहायता समूहों को खाना पकाने के लिए मिलने वाली राशि से ही इसकी पूर्ति करानी है।

इनका कहना है
जैसे-जैसे एलपीजी के लिए राशि आती जाती है, स्कूलों को एलपीजी का कनेक्शन दिया जाता है। वहीं 255 स्कूल किचन के लिए राशि आ चुकी है। अगले शैक्षणिक सत्र से पहले इनका निर्माण करा दिया जाएगा।
एस कृष्ण चैतन्य, सीईओ जिला पंचायत

 

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