चुनाव न लड़ने के बयान से पलटे मंत्री चंद्रकांत पाटील 

चुनाव न लड़ने के बयान से पलटे मंत्री चंद्रकांत पाटील 

Tejinder Singh
Update: 2018-09-07 14:05 GMT
चुनाव न लड़ने के बयान से पलटे मंत्री चंद्रकांत पाटील 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील आगामी समय में कभी चुनाव नहीं लड़ने के घोषणा पर 24 घंटे के भीतर ही पलट गए। शुक्रवार को पाटील ने कहा कि मेरे बोलने का अलग मतलब निकाला जा रहा है। मैंने ऐसा नहीं कहा था कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा और राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मुझे आगामी चुनाव लड़ने के बारे में पार्टी जो कहेगी वैसा मैं करूंगा। पाटील ने कहा कि राजनीति से संन्यास लेने का फैसला हमारे नहीं बल्कि पार्टी के हाथ में होता है। हमें पार्टी जैसे कहती है वैसे काम करना पड़ता है।

पाटील ने कहा कि पिछले साल मैंने कोल्हापुर का गणेशोत्सव को डॉल्बी (डीजे) मुक्त किया था। इसमें पुलिस और राजस्व प्रशासन का बड़ा योगदान था। राज्य में कोल्हापुर ही एक ऐसा जिला था जहां पर डीजे नहीं लगा था। इस संबंध में गुरुवार को कोल्हापुर के कार्यक्रम में शिवसेना के विधायक राजेश क्षीरसागर ने भाषण में कहा था कि पाटील के डीजे मुक्त भूमिका के कारण कई गणेश मंडल नाराज हो गए थे। इस पर मैंने जवाब दिया कि डीजे मुक्त अभियान मेरा कोई निजी और राजनीतिक एजेंडा नहीं था। मुझे कोई चुनाव नहीं लड़ना है। पाटील ने कहा कि मेरी हमेशा से यही भूमिका रही है कि कोई समाजिक फैसले के कारण यदि मुझे वोट नहीं पड़ने वाले होंगे और चुनाव में मुझे अड़चन होगी। फिर भी मुझे चलेगा, लेकिन मैं उस सामाजिक फैसले को लेने से पीछे नहीं हटूंगा।

इससे पहले गुरुवार को कोल्हापुर में एक कार्यक्रम में पाटील ने कहा था कि मैं अब चुनाव नहीं लडूंगा। पाटील ने कहा था कि मुझे अब चुनाव नहीं लड़ना है। मैं आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। विधान परिषद की पुणे विभाग स्नातक सीट से भी चुनाव में नहीं उतरूंगा। इस कार्यक्रम में पत्रकार बैठे हैं। वो मेरी इस घोषणा को अखबार में छाप सकते हैं। फडणवीस सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री पाटील अभी तक विधान परिषद से निर्वाचित होते आए हैं। फिलहाल वे विधान परिषद में सदन के नेता भी हैं। विधान परिषद में उनका कार्यकाल 19 जुलाई 2020 को खत्म होगा। 
 

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