मोबाइल की लत कहीं बना न दे मानसिक रोगी, युवा हो रहे तनहाईयों के शिकार

मोबाइल की लत कहीं बना न दे मानसिक रोगी, युवा हो रहे तनहाईयों के शिकार

Tejinder Singh
Update: 2019-11-04 17:01 GMT
मोबाइल की लत कहीं बना न दे मानसिक रोगी, युवा हो रहे तनहाईयों के शिकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी, फिर भी तनहाईयों का शिकार आदमी...निदा फाजली के बोल हकीकत से बहुत मेल खाते लग रहे हैं। सायबर युग में इंसान पूरी तरह गुम हो चुका है। उसने मोबाइल के जरिए दुनिया मुट्‌ठी में तो कर ली, लेकिन अब तनहाइयों का शिकार होता दिख रहा है। मोबाइल की लत के कारण मानसिक बीमारी काफी तेजी से बढ़ रही है। सेंट्रल गर्वमेंटस हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) की ओर से जारी आकडों के अनुसार राज्य में मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या 5.44 लाख है, हालांकि यह आकड़ा अप्रैल 2018 से सितंबर 2019, यानी लगभग डेढ़ वर्ष का है।

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