कांग्रेस की झोली से खिसके वोटों ने रोकी भाजपा की लीड, बसपा से जमाल निलंबित

कांग्रेस की झोली से खिसके वोटों ने रोकी भाजपा की लीड, बसपा से जमाल निलंबित

Tejinder Singh
Update: 2019-05-24 17:17 GMT
कांग्रेस की झोली से खिसके वोटों ने रोकी भाजपा की लीड, बसपा से जमाल निलंबित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस चुनाव में कांग्रेस की झोली से खिसके वोटों ने भाजपा की लीड रोक ली। जीतना तय है, केवल यह तय होना बाकी है कि जीत का अंतर कितना होगा। पहले 3 लाख के करीब से जीते थे। अब 5 लाख के पार तक पहुंचेंगे। नागपुर में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के ज्यादातर पदाधिकारियों का यह दावा था। जनचर्चा में भी भाजपा की जीत पर अधिक शक नहीं किया जाता रहा। कांग्रेस की चुनौती खड़े करने की कोशिश व दावों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने तक कहा गया। मतपेटी खुली। आरंभ से ही भाजपा आगे रही। लेकिन जीत का अंतर पहले के रिकार्ड तक नहीं पहुंच पाया। पराजित व परास्त कांग्रेस यह तो कह ही सकती है कि जीत का अंतर नहीं बढ़ने देने के दावे पर वह सफल रही है। जातिवाद की राजनीति के आरोप के साथ कांग्रेस के हर दावे को कुछ भाजपाई यूं ही जवाब भी दे सकते हैं। लेकिन भाजपा के ही कुछ लोग खुले मन से स्वीकार रहे हैं कि जीत का अंतर अपेक्षा से कम रहा है। मत विभाजन की रणनीति व संभावना पर एक तरह से पानी फिरा है। 2014 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नितीन गडकरी ने 2 लाख 85 हजार मतों के अंतर से जीत पायी थी। उनके मुकाबले में कांग्रेस के 4 बार चुने गए लोकसभा सदस्य थे। उम्मीदवार के तौर पर गडकरी का वह पहला लोकसभा चुनाव था। इस बार गडकरी के विरोध का कोई कारण भी नहीं दिखता था। लोकसभा में पहुंचने के बाद उन्होंने विकास की राजनीति के मामले में देश में खास पहचान बनायी है। केंद्र सरकार के निर्णायक लोगों की पंक्ति में वे शामिल है। नागपुर में 70 हजार करोड़ के विकास कार्य के अलावा विविध मामलों में उनके कार्य की चर्चा होती रहती है। जननेता की छवि भी बनी है। ऐसे में भी इस बार उनका जीत का अंतर केवल 2.16 लाख तक रह गया है। 

Tags:    

Similar News