दागी मंत्रियों को लेकर सरकार को घेरेगा विपक्ष, सोमवार से शुरु हो रहा मॉनसून सत्र
दागी मंत्रियों को लेकर सरकार को घेरेगा विपक्ष, सोमवार से शुरु हो रहा मॉनसून सत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। हालिया लोकसभा चुनावों में हार के बावजूद राज्य की विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रहीं हैं। खासकार मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में विपक्षी दल सरकार को कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं रखेंगे। इसके अलावा सूखे की स्थिति और विकास कार्यों के लिए आबंटित बजट खर्च न हो पाने को भी विपक्ष मुद्दा बनाएगा।
सोमवार से शुरू हो रहा विधानसभा का मॉनसून सत्र मौजूदा सरकार का आखिरी सत्र होगा। इसलिए विपक्ष अपनी कमजोरियों पर काबू पाकर सरकार को घेरने का आखिरी मौका नहीं छोड़ना चाहेगा। खासकर लोकायुक्त का रिपोर्ट के बाद गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप ने विपक्ष को नई धार दे दी है। मेहता के अलावा पर्यटन मंत्री जय कुमार रावल और सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख भी भ्रष्टाचार के मामले में आरोपों के घेरे में हैं।
विपक्ष इन मंत्रियों को लेकर सरकार को कटघर में खड़ा करने की कोशिश करेगा। हालिया लोकसभा चुनावों में विपक्षी कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सिर्फ 5 सीटें जीत पाया था जबकि सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना 41 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। इसके अलावा राधाकृष्ण विखेपाटील की भाजपा के साथ नजदीकिया बढ़ीं है जिसके बाद उन्होंने विपक्ष के नेता और विधायक दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन इस सत्र में विपक्ष हमलावर होने की पूरी कोशिश कर रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व विधायक नसीम खान ने कहा कि भाजपा की अगुआई वाली सरकार राज्य में सूखे की स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने में नाकाम रही है। कर्जमाफी ठीक तरीके से लागू न होने, नौकरियों में मराठा, मुस्लिम और धनगर समाज को आरक्षण के मुद्दे पर भी सरकार को जवाब देना होगा। खान के मुताबिक विपक्ष पिछले पांच सालों में सरकार द्वारा पेश बजट पर श्वेतपत्र लाने की भी मांग करेगा क्योंकि मौजूदा सरकार बजटीय प्रावधानों को लागू करने में असफल रही है और आवंटित रकम का सिर्फ 60 फीसदी ही खर्च कर पा रही है।