दो वर्ष में महाराष्ट्र के 8 हजार से ज्यादा किसानों ने की खुदकुशी, पटोले ने कहा- मोदी राज में मामले बढ़े

दो वर्ष में महाराष्ट्र के 8 हजार से ज्यादा किसानों ने की खुदकुशी, पटोले ने कहा- मोदी राज में मामले बढ़े

Tejinder Singh
Update: 2019-02-05 14:51 GMT
दो वर्ष में महाराष्ट्र के 8 हजार से ज्यादा किसानों ने की खुदकुशी, पटोले ने कहा- मोदी राज में मामले बढ़े

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक देश में साल 2014 के दौरान कुल 12,360 किसानों और कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की, तो वर्ष 2015 में यह संख्या बढ़कर 12,602 हो गई है। दिलचस्प यह कि आत्महत्या करने वाले इस तादाद में से लगभग एक तिहाई किसानं अकेले महाराष्ट्र से हैं। वर्ष 2016 की रिपोर्ट अभी प्रकाशित नहीं हुई है। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2015 के दौरान देश में कुल 12,602 किसानों व खेेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। इनमें सबसे ज्यादा 4,291 किसान व मजदूर महाराष्ट्र के थे। उन्होने बताया कि इस वर्ष महाराष्ट्र में 3,030 किसानों और 1,261 कृषि मजदूरों ने अपनी जान दी है। इतना ही नहीं, वर्ष 2014 में भी महाराष्ट्र इस मामले में टॉप पर था। वर्ष 2014 में महाराष्ट्र में कुल 4,004 किसानों ने आत्महत्या की थी। 

महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक है दूसरे नंबर पर

वर्ष 2015 में किसानों व खेतिहर मजदूरों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक नंबर दो पर है। कर्नाटक में कुल 1,569 किसानों व श्रमिकों ने आत्महत्या की है तो 1,400 के आंकड़े के साथ तेलंगाना तीसरे नंबर पर है। मध्यप्रदेश में इस वर्ष 1,290 किसानों ने अपनी इहलीला समाप्त की तो छत्तीसगढ़में 954 किसानों व मजदूरों ने मौत को गले लगाया। किसान आत्महत्या के मामले में बिहार और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों की स्थिति संतोषजनक है। वर्ष 2015 में उत्तरप्रदेश में जहां 324 किसानों व खेतीहर मजदूरों ने आत्महत्या की तो बिहार में यह आंकड़ा महज सात रहा है।

किसानों की आय दोगुनी करने सरकार प्रतिबद्ध

इतने बड़े पैमाने पर किसान आत्महत्या के बावजूद कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का दावा है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर हम काम कर रहे हैं। उन्होने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की है, जिसने किसानों की आय दोेगुनी करने से संबंधित मुद्दों की जांच करने के लिए और वर्ष 2022 तक वास्तविक रूप से किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए कार्यनीति की सिफारिश की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। समिति ने फसल उत्पादकता में सुधार, पशुधन उत्पादकता में सुधार जैसे आय वृद्धि के सात स्त्रोतों की पहचान की है।

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