सुरक्षित नहीं है वन्यजीव, एक साल में एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीव खुले कुएं में गिरे

सुरक्षित नहीं है वन्यजीव, एक साल में एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीव खुले कुएं में गिरे

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-13 06:17 GMT
सुरक्षित नहीं है वन्यजीव, एक साल में एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीव खुले कुएं में गिरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जंगल क्षेत्र से सटे खेतों में जंगली जानवर रात में शिकार के लिए अक्सर आते ही हैं, मगर खेत में बने कुएं उनके लिए अनजान होते हैं और वे इसमें गिर जाते हैं। लापरवाही कहें या पैसों की कमी कई किसान इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। परिणामस्वरूप वन्यजीवों के कुएं में गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। आंकड़ों को देखे तो गत एक साल में एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीव खुले कुएं गिरे हैं। कुछ को सही सलामत निकाला गया, वहीं कुछ घायल अवस्था में निकाले गए हैं। हाल ही में नागपुर रेंज अंतर्गत एक जंगली सुअर कुएं में गिरने के बाद इसे निकालने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

61 हजार 724 कि.मी तक फैला है जंगल
राज्य में कुल 307.58 लाख हेक्टेयर जमीन अंतर्गत 16.9 लाख हेक्टेयर जमीन पर वन फैला है। 2017 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 61 हजार 724 वर्ग किलोमीटर पर जंगल फैला है। इसमें कोर इलाकों के अलावा 6 व्याघ्र प्रकल्प मेडघाट, ताड़ोबा अंधारी, पेंच, सह्याद्री, बोर, नवेगांव-नागझिरा आदि हैं। केवल विदर्भ की बात करें तो पेंच, ताड़ोबा, बोर, मेलघाट जैसे जंगल क्षेत्र आते हैं। यहां बड़ी संख्या में वन्यजीवों का रहना है। इसमें बाघों का भी समावेश है।  

जालीबंद होना चाहिए कुएं
सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे कुएं जालीबंद होना चाहिए। ऐसा नियम भी है, मगर कई खेत मालिक इसे नजरअंदाज करते हैं। मंगलवार की शाम नागपुर रेंज अंतर्गत खापा वन वनपरिक्षेत्र के एक 70 फीट खुले कुएं में एक तेंदुआ इन्हीं कारणों से गिरा। वन विभाग के रेस्क्यू दल को भारी कवायदें करनी पड़ी थी। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इस उद्देश्य से खेत में बने कुओं पर जाली लगाना आवश्यक है। 

निर्देशों का उल्लंघन
जंगलों के आस-पास कई किसानों की खेती है, जहां वनजीव रात के अंधेरे में आते हैं। बाघ, जंगली सुअर, तेंदुआ, लोमड़ी, हिरण आदि का इसमें समावेश है। खेत में उपज के लिए कुआं रहना आम है। कई बार कुआं खुला रहने से रात के अंधेरे में वन्यजीव इसमे गिर जाते हैं। कई घायल हो जाते हैं तो कुछ मर भी जाते हैं। ऐसे में खेत में बने कुओं को जाली से ढंकना, कुएं का सिरा ऊंचा करना या कुएं के चारों तरफ सुरक्षा इंतजाम करना आदि निर्देश जारी किए गए थे। 

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