एक ही रात में मुंबई के 14 पेट्रोलपंप लूटने वाला मुन्ना बजरंगी बनना चाहता था विधायक

एक ही रात में मुंबई के 14 पेट्रोलपंप लूटने वाला मुन्ना बजरंगी बनना चाहता था विधायक

Tejinder Singh
Update: 2018-07-09 12:21 GMT
एक ही रात में मुंबई के 14 पेट्रोलपंप लूटने वाला मुन्ना बजरंगी बनना चाहता था विधायक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूपी के बागपत की जेल में मारे गए कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी ने एक रात में मुंबई के 14 पेट्रोल पंप लूट कर अपराध की दुनिया में हडकंप मचाया था। आखिरी बार उसकी गिरफ्तारी भी इसी शहर से हुई थी। मूल रुप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के कसेरु गांव का रहने वाला प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी अस्सी के दशक में मुंबई पहुंचा था। दरअसल प्रेम प्रकाश के घर की आर्थिक हालत खराब थी। शुरुआत में मुन्ना ने गांव में गलीचा बुनने का काम किया। इसी दौरान उधार मटन लेने के विवाद में मुन्ना ने सिर्फ 17 साल की उम्र में गांव में एक व्यक्ति की हत्या कर दी और भदोही से ट्रेन पकड़ कर मुंबई पहुंच गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में मुंबई में रहते हैं। इस लिए उसे यहां रहने का ठिकाना मिल गया।

अपराध की दुनिया में नाम कमाने के बाद करोड़ों की संपत्ति बनाने वाला मुन्ना शुरुआती दिनों में सांताक्रुज पूर्व के वाकोला इलाके की एक निर्माणाधीन इमारत में जमीन पर बोरा बिछा कर सोता था। 1983 में मुन्ना ने अपने साथियों के साथ मुंबई के मुलुंड से कुर्ला के बीच स्थित 14 पेट्रोल पंप को लूट लिया। इस घटना ने मुंबई पुलिस के होश उड़ा दिए थे। घटना के पांच दिनो बाद इस बारदात में शामिल मुन्ना के गिरोह की बांद्रा के पास पुलिस से मुठभेड़ हो गई। मुन्ना का एक साथी रियाज खान पुलिस की गोली से घायल होकर पकड़ा गया, जबकि मुन्ना अपने तीन अन्य साथियों के साथ फरार हो गया। इसके कुछ दिनों बाद मुंबई क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर आरडी कुलकर्णी की टीम मुन्ना को उसके साथियों रमेश छेदी सिंह, महिपाल सिंह व ज्ञानी सिंह के साथ पकड़ा। उस वक्त मुन्ना इस गिरोह का जूनियर मेंबर था।

6 माह जेल में रहने के बाद जमानत पर छूटा मुन्ना उत्तर प्रदेश वापस लौट गया। यहां वह जौनपुर के बाहुबली विनोद सिंह चितोडी के सम्पर्क में आया और विनोद सिंह के इशारे पर जौनपुर जिला जेल के सामने दिनदहाडे ब्लाक प्रमुख रामचंद्र सिंह की हत्या कर दी। इस घटना के बाद जरायम की दुनिया में मुन्ना ने एक मुकाम हासिल कर लिया। इसके बाद वह माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के गिरोह में शामिल हो गया।

इसके बाद मुन्ना के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी वसूली के दर्जनो मामले दर्ज हुए। आपराधिक वारदातों को लेकर मुन्ना सुर्खियों में आता रहा। उसके नाम पर भोजपुरी फ़िल्म भी बनी। इसी दौरान मुन्ना ने अपने गृह क्षेत्र के जमालापुर बाजार में एके-47 का इस्तेमाल कर ब्लाक प्रमुख कैलाश दुबे और छात्र नेता राजकुमार सिंह सहित तीन लोगों की हत्या कर दी। अपराध की दुनिया में चमकने के बाद मुन्ना लंबे समय से विधायक बनने की फिराक में था। जौनपुर जिले की मडियाहू विधानसभा क्षेत्र में होली-दिवाली के मौके पर उसके नाम के पोस्टर-बैनर लगते रहते थे। इस दौरान उसने बसपा व भाजपा से टिकट हासिल करने की कोशिश भी। बीते विधानसभा चुनाव में मुन्ना की पत्नी सीमा सिंह ने मडियाहू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।    

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