फास्ट लाइफ में टेंशन मुक्त करती है ‘म्यूजिक थेरेपी’

फास्ट लाइफ में टेंशन मुक्त करती है ‘म्यूजिक थेरेपी’

Tejinder Singh
Update: 2018-11-11 11:49 GMT
फास्ट लाइफ में टेंशन मुक्त करती है ‘म्यूजिक थेरेपी’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। म्यूजिक सुनना हर  किसी को पसंद होता है। म्यूजिक सुनने से न केवल मानसिक थकान दूर होती है, बल्कि म्यूजिक से जीवन में कई बदलाव भी आ सकते हैं। डॉक्टर्स का भी यही मानना है कि म्यूजिक सुनने से मानसिक समस्या को खत्म किया जा सकता है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में युवाओं की लाइफ भी बहुत फास्ट हो गई है। उन्हें पढ़ाई, जॉब और फैमिली का भी बहुत टेंशन होता है। ऐसे में वे म्यूजिक थेरेपी अपनाकर मानसिक शांति पाते हैं और फिर से तरोताजा हो जाते हैं। अपनी दिनचर्या शुरू करने में, वैसे तो म्यूजिक थेरेपी हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कारगर साबित हुई है, लेकिन युवाओं के बीच अधिक पॉपुलर है। इसका सबसे अधिक फायदा यह है कि इसे किसी भी वक्त सुना जा सकता है। म्यूजिक थेरेपी में सबसे अधिक शास्त्रीय संगीत को पसंद किया जा रहा है। शहर के युवाओं का कहना है कि म्यूजिक थेरेपी से उनको काफी फायदा हुआ है।

कभी भी कहीं भी
सूरज कौशिश के मुताबिक योग, व्यायाम आदि के लिए विशेष टाइम निकालने की आवश्यकता होती है, लेकिन म्यूजिक थेरेपी के लिए अलग से टाइम निकालने की आवश्यकता नही होती है। इसके लिए कान में हेड फोन लगाकर अपना पसंदीदा म्यूजिक सुन कर तुरंत टेंशन से निजात पाई जा सकती है। मेरा जॉब शिफ्ट अनुसार होता है। जिस दिन जो शिफ्ट होती है, उसी अनुसार जाना पड़ता है। इससे मुझे बहुत सारी प्रॉबलम्स हो रही थी, साथ ही टेंशन बहुत ही ज्यादा था। मेरे फ्रेंड ने मुझे म्यूजिक थेरेपी की सलाह दी। वैसे भी मुझे म्यूजिक सुनना बचपन से ही पसंद रहा है। इसलिए म्यूजिक थेरेपी लेने से मुझे बहुत राहत मिली है। कंप्यूटर पर काम करते वक्त भी गाने सुनते रहता हूं। मुझे गजल सुनना बहुत पसंद है।

शास्त्रीय संगीत की बात ही अलग
स्टूडेंट अविनाश पटेल का कहना है कि कॉलेज टाइम में पढ़ाई का बहुत टेंशन रहता है। पूरे दिन पढ़ाई और पार्ट टाइम जॉब करता हूं,  जिससे मानसिक और शारीरिक थकान दोनों हो जाती है। तभी मैंने म्यूजिक थेरेपी के बारे मे सुना। इसके लिए काउंसलर ने मुझे बताया कि टेंशन दूर करने के लिए आप अपने पसंदीदा गानें सुने, तभी से मैंने शास्त्रीय संगीत सुनना शुरू किया। जैसे ही काम खत्म होता है, तो मैं संगीत सुनना शुरू कर देता हूं, जिससे टेंशन दूर हो जाती है। स्टूडेंट्स को म्यूजिक थेरेपी अपनानी चाहिए, ताकि उनका ध्यान किसी नशे की तरफ न जाए।

काउंसलर की सलाह जरूर लें
काउंसलर महेश जोशी के मुताबिक म्यूजिक थेरेपी हर किसी आयु वर्ग के लिए कारगर सिद्ध है। युवाओं को म्यूजिक थेरेपी की खास आवश्यकता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि आजकल युवाओं की लाइफ बहुत अधिक व्यस्त हो गई, जिससे उन्हें शारीरिक और मानसिक शांति दोनों की जरूरत है। मेरे पास काउंसिलिंग के लिए यंगस्टर्स ज्यादा आते हैं, जो मानसिक रूप से बहुत  परेशान रहते हैं। ऐसे में उन्हें म्यूजिक थेरेपी लेने की सलाह देता हूं, ताकि वे किसी गलत राह पर न चले जाएं। युवाओं को म्यूजिक से बहुत ज्यादा लगाव होता है, ऐसे में उनकी जीवनशैली में बदलाव के लिए म्यूजिक थेरेपी कारगर साबित हो सकती है।

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