नागपुर खंडपीठ : 11 विभागों के अधिकारी पहुंचे, कॉन्फ्रेंस हॉल में सुनवाई

नागपुर खंडपीठ : 11 विभागों के अधिकारी पहुंचे, कॉन्फ्रेंस हॉल में सुनवाई

Tejinder Singh
Update: 2019-08-24 13:09 GMT
नागपुर खंडपीठ : 11 विभागों के अधिकारी पहुंचे, कॉन्फ्रेंस हॉल में सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में शुक्रवार को कुछ असहज स्थिति पैदा हो गई। कोर्ट रूम में जगह कम पड़ने से हाईकोर्ट के कॉन्फ्रेंस रूम में सुनवाई करनी पड़ी। दरअसल बुलढाणा जिले के लोणार सरोवर के संवर्धन से जुड़ी याचिका पर खंडपीठ मंे सुनवाई होनी थी। हाईकोर्ट के पिछले आदेशानुसार सुनवाई में  बुलढाणा जिलाधिकारी, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया अधीक्षक, मेलघाट विभाग के मुख्य वनसंरक्षक, एमटीडीसी क्षेत्रीय निबंधक, मेहकर एसडीओ, लोणार नगर परिषद मुख्य अधिकारी समेत 11 सरकारी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित हुए थे। आलम यह था कि कोर्ट रूम की जगह कम पड़ने से कांफ्रेंस रूम में सुनवाई लेनी पड़ी। संभवत: ऐसा पहली बार देखने को मिला है। देर शाम तक चली इस सुनवाई में न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति श्रीराम मोडक की खंडपीठ  ने तालाब के संवर्धन से जुड़े कई निर्देश प्रशासन को दिए हैं।

ये उपाय करने होंगे

हाईकोर्ट ने लोणार में बारिश के पानी की जांच के लिए हाइड्रोमेट्रोलॉजिकल सेंटर बनाने, एमटीडीसी को सरोवर के पास की इमारतों में अपना कार्यालय और दर्शक दीर्घा शुरू करने से लेकर सरोवर की जलधाराओं का पीएच लेवल जांचने के लिए उपकरण लगाने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने सरोवर परिसर मंे स्थित स्कूल और सरकारी विश्रामालयों को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर प्रशासन को फैसला लेने को कहा है। इसी तरह एनएचएआई सरोवर परिसर से गुजरने वाले हाईवे को दूसरी ओर से मोड़ने की तैयारी शुरू करने को कहा गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट के ध्यान में आया कि तालाब की स्थिति पर अध्ययन करने वाले मुंबई और केरल के दो वैज्ञानिक काफी दिन से तालाब के निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इसमंे दखल देते हुए वैज्ञानिकों को आगाह करने को कहा है। कोर्ट ने साफ किया है कि ये दो वैज्ञानिक यदि तालाब के अध्ययन का काम नहीं करना चाहते, तो उनकी जगह दूसरे वैज्ञानिकों की नियुक्ति की जाएं। 

अब ऑडिटोरियम में हो सकती है

कोर्ट में विविध विभागों ने अपना पक्ष रखा, कोर्ट ने उन्हें सारी भूमिका शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को रखी है। इसमें हाजिर होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की बड़ी संख्या देखते हुए यह सुनवाई हाईकोर्ट के ऑडिटोरियम में संभावित है।

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