सटीक डेटा माइग्रेशन के लिए तैयार किया सॉफ्टवेयर

सटीक डेटा माइग्रेशन के लिए तैयार किया सॉफ्टवेयर

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-02 10:21 GMT
सटीक डेटा माइग्रेशन के लिए तैयार किया सॉफ्टवेयर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिटिजाइजेशन के युग में डेटा का सटीक आदान-प्रदान काफी अहम है। तकनीक की दुनिया में असफल डेटा माइग्रेशन बड़ी समस्या का रूप ले रही थी। इस समस्या को अपने लिए अवसर मान कर नागपुर की गावंडे दंपति ने बिजनेस की शुरुआत की। स्मिता गावंडे और संदेश गावंडे ने सटीक डेटा माइग्रेशन, बिग डेटा टेस्टिंग ऑटोमेटिक ईटीएल टेस्टिंग के लिए सॉफ्टवेयर इसडीक्यू (iCEDQ) विकसित किया है। इस काम के बदौलत आज स्मिता और संदेश सफलता का मुकाम हासिल कर चुके हैं। न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज, आईबीएम, लॉकहीड मार्टिन, नोमुरा, ग्रेट अमेरिकन इंश्योरेंस ग्रुप इसडीक्यू के ग्राहकों में शामिल हैं।

शुरुआत के साथी अब तक साथ
स्मिता और संदेश ने 2007 में नागपुर में सॉफ्टवेयर कंपनी ‘तोरणा इन’ शुरू किया और पुणे में स्थित छत्रपति शिवाजी के किले से यह नाम लिया। उस समय के उनके पहले कर्मचारी श्रीकांत पाटील और श्याम खेकरे आज भी उनके साथ काम कर रहे हैं। श्रीकांत पाटील फिलहाल यूएस ऑफिस में बतौर कस्टमर केयर काम कर रहे हैं और श्याम स्थानीय कार्यालय में आईटी डायरेक्टर हैं। फिलहाल नागपुर में काम कर रहे कंपनी के रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर में 63 कर्मचारी कार्यरत हैं। सभी कर्मचारी नागपुर के ही हैं। कंपनी का मुख्य कार्यालय अमेरिका के स्टैमफोर्ड में है, जहां 18 कर्मचारी कार्यरत हैं।

छोटे शहरों में भी अवसर
स्मिता और संदेश दोनों इंजीनियर हैं। स्मिता कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर हैं और संदेश मैकेनिकल इंजीनियर हैं। संदेश ने यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री ली है। दोनों का उद्देश्य नागपुर की प्रतिभा को अवसर देना है। श्याम खेेकरे के अनुसार हमारा ध्यान कामकाज के ऐसे माहौल को बनाने पर है, जहां रचनात्मक मस्तिष्क को निरंतर अपडेट होने का वातावरण मिले। देश में आई सेक्टर में जाने वाले युवा बड़े शहरों को बेहतर मानते हैं। हम बताना चाहते हैं कि नागपुर जैसे शहर में भी सॉफ्टवेयर कंपनी में अवसर और विकास की संभावनाओं की कमी नहीं है।

कोई तरीका नहीं था
काम के दौरान मैंने पाया कि डेटा का सटीक आदान-प्रदान काफी बड़ी समस्या है। कोई भी ऐसा तरीका नहीं है, जो शत-प्रतिशत सफलता की गारंटी देता हो, जबकि मिलियन डॉलर में डील करने वाली अनेक कंपनियां प्रतिदिन डेटा माइग्रेशन का उपयोग करती हैं। यहीं से मुझे इस क्षेत्र में काम करने का विचार आया। -संदेश गावंडे, चीफ टेक्नोलॉजी आॅफिसर, तोरणा इन
 

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