RTM UNIVERSITY : नॉन टीचिंग कर्मचारी 50 घंटे से ज्यादा नहीं कर सकेंगे ओवरटाइम

RTM UNIVERSITY : नॉन टीचिंग कर्मचारी 50 घंटे से ज्यादा नहीं कर सकेंगे ओवरटाइम

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-16 12:24 GMT
RTM UNIVERSITY : नॉन टीचिंग कर्मचारी 50 घंटे से ज्यादा नहीं कर सकेंगे ओवरटाइम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय (RTM UNIVERSITY) ने अपने गैर-शिक्षक कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू किया है। UNIVERSITY ने निर्णय लिया है कि उनके यहां कोई भी कर्मचारी अब महीने में 50 घंटों से ज्यादा ओवरटाइम नहीं करेगा।

गौरतलब है कि पहले कर्मचारियों को महीने में 70 घंटे ओवरटाइम करने की छूट थी। लेकिन हाल ही में UNIVERSITY में हुई Finance और Accounting committee की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। UNIVERSITY ने सभी कर्मचारियों के लिए सर्कुलर जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अगर कार्यालय में कोई अति महत्वपूर्ण कार्य भी हो, तो ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को 50 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम करने के लिए कुलपति से अनुमति लेनी होगी, वरना उन्हें अतिरिक्त काम के पैसे नहीं मिलेंगे। इस सर्कुलर में एक और नई शर्त है। अब से ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को अपने ओवरटाइम में किए गए कामकाज का पूरा ब्यौरा भी देना होगा।  

क्यों लागू किया जा रहा नियम

दरअसल UNIVERSITY ने यह नया नियम कई तरह की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए लागू किया है। UNIVERSITY के प्रशासकीय परिसर के कार्यालयों और परीक्षा भवन में कर्मचारी ओवरटाइम करते नजर आते हैं। हाल ही में Finance और Accounting committee के ध्यान में आया कि कई कर्मचारी ओवरटाइम के नाम पर कार्यालय में मौजूद रहते हैं, लेकिन कोई खास काम नहीं करते। तो वहीं कई बार कार्यालय में देर रात तक काम चलता। जिससे कई बार कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी संदेह उठते। बीते दिनों तो देर शाम परीक्षा भवन में काम कर रहे एक कर्मचारी की, वहां के सुरक्षाकर्मचारियों के साथ झड़प का भी मामला सामने आया। ऐसे में कई तरह की परेशानियों से निजात पाने के लिए UNIVERSITY ने ओवरटाइम पर कैंची चलाना ही उचित समझा है। 

कर्मचारी वर्ग नाराज 

UNIVERSITY के इस फैसले का स्वयं कर्मचारी ही विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का तर्क है कि Pendency कम करने के लिए उन्हें लगातार आदेश दिए जाते हैं। उन्हें ओवरटाइम करने से आर्थिक सहयोग भी मिलता है। मगर अब उनके ओवरटाइम के घंटे कम करके UNIVERSITY ने करीब 150 कर्मचारी दिहाड़ी पर रखे हैं। एक ओर तो UNIVERSITY नियमित कर्मचारियों को काम करने से रोक रहा है, वहीं दूसरी ओर दिहाड़ी कर्मचारियों को बढ़ावा दे रहा है। वहीं बड़े अधिकारियों के ड्राइवरों की ड्यूटी का कोई फिक्स समय नहीं है। नियमित ड्यूटी के बाद भी, उन्हें साहब के साथ दौरे पर होना पड़ता है। ऐसे में ड्राइवरों के भी महीने में 100 से 120 घंटे का ओवरटाइम होता है, जिससे अब उनके कामकाज के घंटों के बारे में Confusion की स्थिति है।

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