सरकारी नीति के विरोध में 28 सितंबर को राष्ट्रीय व्यापार बंद, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी जानकारी 

सरकारी नीति के विरोध में 28 सितंबर को राष्ट्रीय व्यापार बंद, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी जानकारी 

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-07 05:51 GMT
सरकारी नीति के विरोध में 28 सितंबर को राष्ट्रीय व्यापार बंद, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी जानकारी 

डिजिटल डेस्क, अकोला। देश के खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का विरोध करने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही अपनी लय बदल दी। 2011 में मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार ने जहां 51 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति दी थी। उसे नरेंद्र मोदी ने 100 प्रतिशत देकर देश के व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है। डिजिटल इकोनामी तथा कैशलेस व्यापार की बातें करने वाले आनलाइन ट्रेडिंग में नकद भुगतान ले रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी गलत नीतियों के कारण उस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है।

सरकार की इन्हीं गलत नीतियों का विरोध करने के लिए आगामी 28 सितंबर को समूचे देश में व्यापार बंद रहेगा। सभी व्यापारी इस आंदोलन में शामिल हों ऐसी अपील कान्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने की। वे आज अकोला के खंडेलवाल भवन में विदर्भ चेंबर की ओर से आयोजित "खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का विरोध क्यों?विषय पर मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे।  

खुलेआम जनता की लूट का आरोप
खंडेलवाल भवन के कार्यक्रम में नागपुर के प्रभाकरराव देशमुख, ज्ञानेश्वर रक्षक, निकेश गुप्ता, अशोक डालमिया, नितिन खंडेलवाल, राजकुमार बिलाला की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन विवेक डालमिया ने किया। कार्यक्रम में विजय पनपालिया, राहुल गोयनका भी उपस्थित थे। भरतिया ने बताया कि आनलाइन ट्रेडिंग में कैश एन्ड डिलीवरी का प्रावधान नहीं है। इस प्रणाली में आनलाइन पेमेंट ही किया जाना अनिवार्य है, लेकिन हमारे देश में कैश अॉन डिलीवरी की जा रही है, जो खुलेआम जनता की लूट है। विदेशी कंपनियों से खरीदी गई सामग्री तथा उन्हें किए गए भुगतान के कारण सरकार का जीएसटी का नुकसान हो रहा है।

फ्लिप कार्ट स्वदेशी था, सौदेबाजी की गई, सिंगापुर में समानांतर फ्लिप कार्ट बनाई गई, धीरे-धीरे व्यापार बढ़ा तथा 17 अरब रूपए में वालमार्ट ने फ्लिप कार्ट को खरीदकर खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश की पैठ बढ़ा दी। अब आलम यह है कि कंपनी देशी, मालिका विदेशी तथा देश का चलन फिर विदेश में जाने के लिए आतुर। किसी नीति का यदि दूरगामी परिणाम देश के व्यापारियों तथा  देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा हो तो सरकार को श्वेत पत्र जारी कर इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए।

गुमराह कर रही सरकार
उन्होंने कहा कि हमने देश हित के लिए नोटबंदी का जहर पिया। अब रिजर्व बैंक के आंकड़े आए है जो यह बता रहे हैं कि खोदा पहाड़, लेकिन चुहिया तक नहीं निकली। सरकार एक तरफा बात न करे तथा गुमराह करना बंद करें। उन्होंने आगे कहा कि आपका पेट तथा आपका घर आपके व्यवसाय से भरता है, किसी राजनीति से नहीं। इसलिए पलटकर जवाब देना समय की मांग है। लिहाजा देश का व्यापारी संगठित होकर संयुक्त प्रयास करे।

वर्तमान व्यापार नीति से यह प्रतीत हो रहा है मानो व्यापारी को समाप्त कर यह प्रणाली हमें धर्मांतर की ओर ले जा रही है। यदि ऐसा रहा तो आने वाले समय में देश का व्यापार इंटरनेट, क्रेडिट कार्ड तथा फोर-जी तक सिमट जाएगा। इसीलिए आगामी शुक्रवार 28 सितंबर को देश में व्यापार बंद रखा जाएगा। इसे  केमिस्ट्र एन्ड ड्रगिस्ट एसो., चेंबर, कन्ज्यूमर फेडरेशन, मोबाइल फेडरेशन समेत लगभग सभी व्यापार समुदाय ने समर्थन दिया है।

Similar News