आधी रात उठाकर ले गए नक्सली और थमा दी बंदूक -मारे गए ईनामी मंगेश के पिता ने बताई दास्तान

आधी रात उठाकर ले गए नक्सली और थमा दी बंदूक -मारे गए ईनामी मंगेश के पिता ने बताई दास्तान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-11 14:26 GMT
आधी रात उठाकर ले गए नक्सली और थमा दी बंदूक -मारे गए ईनामी मंगेश के पिता ने बताई दास्तान

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। लांजी थाना क्षेत्र के पुजारी टोला में मंगलवार देर रात पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नक्सली मंगेश उर्फ अशोक के पीछे एक दर्द भरी कहानी सामने आई है। मंगेश के पिता ने पुलिस को बताया कि मंगेश दसवीं कक्षा का छात्र था, तभी आधी रात में उसे कुछ नक्सली उठाकर अपने साथ ले गए और हाथों में बंदूक थमाकर उसे इस मोड़ पर पहुंचा दिया। कुछ ऐसी ही दासतां महिला नक्सली नंदे की भी है। हालांकि उसका पूरा पक्ष अभी सामने नहीं आया है। उसके परिजन उसका शव लेने के लिए अभी तक नहीं पहुंचे हैं। 

नियमित स्कूल जाता था बेटा 

मंगेश के पिता राजनांदगांव निवासी परमलाल कुमरे की आंखें नम हो गईं। उन्होंने बताया कि मंगेश तब कक्षा दसवी में पढ़ता था। वह पढऩे में होशियार था और नियमित रूप से स्कूल जाता था। इसी दौरान ही संभवत: वह गांव आने जाने वाले नक्सलियों के संपर्क में आ गया। एक दिन रात में नक्सली उसे उठाकर उपने साथ ले गए। जल, जंगल और जमीन के हक की लड़ाई के नाम पर उसे राह से भटका दिया। वह हार्डकोर नक्सली बन गया। पुलिस रिकार्ड के अनुसार मंगेश के नाम पर दर्जनों अपराध दर्ज हो गए, जिनमे हत्या, पुलिस के हथियारों की लूट सहित कई मामले हैं। उसकी उम्र करीब 32 साल थी। 

नहीं आया परिवार 

पुलिस मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सली बस्तर निवासी नंदे की उम्र करीब 25 साल है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब 8 साल पहले नंदे को भी मंगेश की ही तरह नक्सली बनाया गया था। बताया गया है कि मुठभेड़ के बाद ही नंदे के परिजनो को खबर भेज दी गई थी, लेकिन उसका शव लेने के लिए अब तक कोई नहीं आया है। पुलिस के अनुसार शुक्रवार शाम तकनंदे के परिजनो का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद उसका शव नियमानुसार डिस्पोज कर दिया जाएगा। 

मामा भी नक्सली 

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि नंदे के परिवार में उसके मामा छत्तीसगढ़ के बुदरू में आपरेट होने वाले नक्सलियों के विस्तार चार नामक दलम के कमांडर और कुख्यात नक्सली हैं। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि संगठन में परिवार के लोगों से प्रभावित होकर ही नंदे नक्सली संगठन से जुड़ी थी। कच्ची उम्र में उसे गुमराह कर नक्सली गतिविधियों से जोड़ दिया।

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