अजित पवार की चुटकी, कहा- मर रहे हैं बाघ, आप कहते हो वी आर नॉट पेपर टाइगर, खडसे का पलटवार

अजित पवार की चुटकी, कहा- मर रहे हैं बाघ, आप कहते हो वी आर नॉट पेपर टाइगर, खडसे का पलटवार

Tejinder Singh
Update: 2018-07-17 12:14 GMT
अजित पवार की चुटकी, कहा- मर रहे हैं बाघ, आप कहते हो वी आर नॉट पेपर टाइगर, खडसे का पलटवार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कागजी बाघ नहीं होने संबंधी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संबाेधन पर राकांपा नेता अजित पवार ने भाजपा की जमकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि राज्य में बाघ मर रहे हैं आप कहते हो कि कागजी बाघ नहीं हों। आखिर मतलब क्या है। शिवसेना पर भी उन्होंने कटाक्ष किया। रविवार को भाजपा की विदर्भ विभागीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। कागजी बाघ नहीं है। खबराें में स्वयं को बाघ दर्शाने वाले कोई और है।

सोमवार को विधानसभा में नियम 293 के तहत चर्चा में अजित पवार ने कहा कि एक सप्ताह में ही दो बाघ की मौत की खबर आयी है। बाघ मर रहे हैं और यहां कागजी बाघ की बात कही जा रही है। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते की ओर मुखातिब होते हुए पवार ने कहा कि गनीमत है कि शिवसेना को गुस्सा नहीं आ रहा है। जिनके बदौलत सत्ता में बैठे हैं, उनके बारे में ही यह सब कहा जा रहा है। याद रखिए ये यानी शिवसेना पत्र दे तो आपको घर बैठना पड़ सकता है। एक सदस्य ने आफ रिकार्ड कहा कि राकांपा साथ रहेगी तो पवार ने तल्ख अंदाज में कहा,पहले शिवसेना का साथ तो छोड़ो, पता चलेगा कौन बचाता है। राकांपा के बारे में तो पहले से ही भ्रम फैलाए जा रहे हो। 

खडसे से कहा: शिकार तो आपने किया था, दांव कोई और चल गया
मंत्रिमंडल से बाहर हुए एकनाथ खडसे के बारे में राकांपा सदस्य अजित पवार अक्सर बयान देते रहते हैं। दर्शाते रहते हैं कि खडसे के साथ राजनीतिक अन्याय हुआ। साेमवार को विधानसभा में पवार ने खुलकर कह भी दिया कि खडसे पर अन्याय हुआ। कृषि व बिजली मामले पर खडसे से सरकार की भूमिका पर प्रश्न उठाए थे। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है उत्तर महाराष्ट्र में किसानों को सहायता दी गई पर 2010-11 से 51 हजार किसान सरकारी सहायता पाने के इंतजार में है। रुपए भुगतान करने के बाद भी किसानों को बिजली कनेक्शन नहीं मिल रहा है।

अजित पवार ने नियम 293 के तहत प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि आज जो लोग सत्ता में है वे विपक्ष में थे तो न जाने क्या क्या आरोप लगाते थे। सरकार को दिवालिया कहते थे। अब राज्य पर कर्ज का बोझ लाखों करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। विपक्ष में रहकर एकनाथ खडसे ने जमकर आरोप लगाए थे।  भाजपा सरकार लाने के लिए वातावरण बनाने का काम उन्होंने किया, लेकिन अब क्या हो रहा है। खडसे को ही बाजू में कर दिया गया। खडसे की ओर देखते हुए पवार ने कहा-शिकार तो आपने किया था दांव कोई और ही चला गया। 

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