NMC के 68 कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार, सालों से जमा नहीं किए जाति प्रमाणपत्र

NMC के 68 कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार, सालों से जमा नहीं किए जाति प्रमाणपत्र

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-08 08:54 GMT
NMC के 68 कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार, सालों से जमा नहीं किए जाति प्रमाणपत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जाति वैधता प्रमाणपत्र  को लेकर NMC के 68 कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। मनपा आस्थापना में अनुसूचित जाति प्रवर्ग के 109 में से 41 अधिकारी, कर्मचारियों ने जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश किए, लेकिन 68 कर्मचारी अब तक यह प्रमाणपत्र दे नहीं पाए। मनपा प्रशासन के नोटिस को भी इन्होंने गंभीरता से नहीं लिया है। ऐसे में आयुक्त ने इनके खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जिससे इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आसार जताए जा रहे हैं। प्रशासन ने इस दिशा में  कार्रवाई शुरू कर दी है। 

सेवा समाप्त करने का प्रावधान 
राज्य सरकार के 18 मई 2013 परिपत्रक अनुसार महानगर पालिका के आस्थापना में आरक्षित व खुले प्रवर्ग में पिछड़ा वर्ग अधिकारी व कर्मचारियों को जाति वैधता प्रमाणपत्र की जांच-पड़ताल की जा रही है, लेकिन अनेक अधिकारी व कर्मचारियों ने अभी तक अपने कागजात जाति-पड़ताल वैधता समिति के पास जमा नहीं किए हैं। महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, जनजाति, विमुक्त जाति, भटक्या जमाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा प्रवर्ग अधिनियम 2000 की धारा 8 अनुसार, अगर कोई कर्मचारी विशिष्ट जाति व जनजाति का है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी संबंधित पिछड़ा वर्ग अधिकारी व कर्मचारियों की है।

पिछड़ा वर्ग से नौकरी पर लगने अथवा व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए जाति प्रमाणपत्र समिति से जाति वैधता प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है। जाति प्रमाणपत्र पड़ताल के लिए आवश्यक कागजातों की पूर्तता नहीं करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का प्रावधान है। 

109 में 41 ने पेश किए प्रमाणपत्र
महानगर पालिका प्रशासन ने सभी विभागों के कर्मचारियों की समीक्षा करते हुए पिछड़ा वर्ग कर्मचारियों के कागजात जमा करना, संबंधित प्रकरण विभागीय जाति पड़ताल समिति को पेश किए हैं। अनुसूचित जाति के 109 कर्मचारी, अधिकारियों की जाति वैधता के लिए प्रस्ताव जाति पड़ताल समिति को भेजे गए थे। यह प्रस्ताव अनेक दिन से समिति के पास लंबित थे। इसमें से 41 कर्मचारियों ने जाति वैधता प्रमाणपत्र अपने विभाग को पेश किए हैं, लेकिन 68 कर्मचारियों ने अब तक जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं दिया है। उनके प्रस्ताव समिति के पास लंबित होने का कारण कर्मचारी दे रहे हैं। कुछ कर्मचारियों ने 1991 से जाति पड़ताल समिति को आवेदन दिया है। 25 वर्ष बाद भी अनेकों ने जाति वैधता प्रमाणपत्र दिया नहीं है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा प्रमाणपत्रों की प्रतीक्षा करने को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। 

दिए जा चुके हैं नोटिस
इस मामले में हाल ही में आयुक्त ने एक बैठक ली। यदि 25 साल से जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं दे पाए हैं, तो कब देंगे। विशेष यह कि इसमें से अनेक कर्मचारी नगरसेवक, पूर्व नगरसेवक के रिश्तेदार हैं, जिस कारण अधिकारियों पर दबाव होने का भी आरोप लग रहा है। अब मनपा आयुक्त ने जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। मनपा प्रशासन द्वारा 68 कर्मचारियों को इसके पहले नोटिस दिए जा चुके हैं, किन्तु इस नोटिस को भी किसी ने गंभीरता से नहीं लिया है।

मनपा प्रशासन, संबंधित विभाग प्रमुखों के मार्फत जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश नहीं करने वाले कर्मचारियों से संपर्क साध रहा है। कागजात जमा करने बाबत स्मरण पत्र भी दिया है। इन सभी कर्मचारियों को जाति वैधता प्रमाणपत्र के लिए कुछ समय दिया जाएगा। इसके बाद प्रमाणपत्र नहीं देने पर नौकरी से बर्खास्त करने की संभावना है। 

Similar News