तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई.... सिसकियां लेते हुए सुनील पाल को याद आए इरफान
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई.... सिसकियां लेते हुए सुनील पाल को याद आए इरफान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। "रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई, तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई", शायर कैफ़ी आज़मी का शेर पढ़ते हुए कॉमेडीयन सुनील पाल ने कहा कि अभिनेता इरफान खान के अंतिम दर्शन नहीं कर पाने का गम है। हिंगणघाट के रहने वाले सुनील पाल ने इरफान को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कहा कि कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है।
मानेवाड़ा निवासी निर्देशक संजय भुजाडे ने इरफान खान से मुलाकात का जिक्र किया। इरफान की कही वो बात आज याद आती है, इरफान ने कहा था कि कामयाबी पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। बिना मेहनत के कामयाबी हासिल नहीं होती। संजय भुजाडे ने बताया कि साल 2011 में उनकी मुलाकात इरफान से मुंबई में हुई थी। उस समय इरफान खान की फिल्म “ये साली जिंदगी” का पोस्टर रिलीज हुआ था। फिल्म निर्देशक सुधीर मिश्र अच्छे मित्र हैं, उन्होंने फिल्म “ये साली जिंदगी” को निर्देशित किया था। किसी काम के सिलसिले में जब सुधीर से बात हुई थी, तो उन्होने “ये साली जिंदगी” के पोस्टर रिलीज पर बुलाया। तब इरफान से मुलाकात हुई थी। फिर लगभग 3 घंटे साथ रहे। वे बहुत ही जिंदादिल इंसान थे। जिंदगी को देखने का उनका नजरिया बहुत अलग था। उनके जैसा कोई नहीं था।
कामयाबी पाने के लिए मेहनत जरूरी
बॉलीवुड में अभिनेता इरफान ने अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी है। सिनेमाजगत ने एक सितारा खो दिया, जिसकी क्षति कभी पूरी नहीं की जा सकती है। इरफान ने अपने बेहतरीन अभिनय से बॉलीवुड में जगह बनाई थी। 32 साल के कॅरियर में इरफान ने ऐसी फिल्में की, जो मील का पत्थर साबित हुईं। इरफान खान को फिल्म पान सिंह तोमर के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
जैसे ही इरफान भाई के इंतकाल की खबर मिली, हमने सोचा था कि उनके अंतिम दर्शन करें, लेकिन परमीशन नहीं मिल सकी। उनके जाने का गम है, साथ ही सबसे बड़ी तकलीफ है कि उनके अंतिम दर्शन नहीं कर सके। इरफान तो एक्टिंग के बादशाह थे। कलाकारों की रेंज जहां खत्म होती है, वहां से उनकी शुरूआत होती थी। वो हमेशा दिल में रहेंगे और बहुत याद आएंगे।