गोदाम में नहीं जगह, बारदाने भी पड़े कम , परिवहन ठप
गोदाम में नहीं जगह, बारदाने भी पड़े कम , परिवहन ठप
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में धान की बंपर आवक ने उपार्जन में व्याप्त अव्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। खरीदी व्यवस्था से जुड़े विभागों ने खरीदी का लक्ष्य तो तय कर लिया, लेकिन उस अनुरूप व्यवस्था नहीं बना पाए। खरीदी के बाद धान को भण्डारित करने के बारे में दूरदर्शिता के चलते परिवहन का कार्य एक सप्ताह से बंद पड़ा हुआ है। केंद्रों में धान के ढेर लग चुके हैं।
किसानों को उपज बेचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 7-7 दिन से धान लेकर किसान केंद्रों के बाहर परेशान हो रहे हैं। किसानों में चिंता का विषय यह भी है कि उनको अपनी उपज बेचने के लिए सिर्फ दो दिन का समय ही बचेगा। क्योंकि 20 जनवरी तक ही खरीदी होगी। शनिवार व रविवार को खरीदी बंद रहती है। शुक्रवार और सोमवार को ही खरीदी हो पाएगी। इन दो दिनों में लक्ष्य कैसे हासिल हो पाएगा इसको लेकर प्रशासन भी सकते में हैं। परिवहन भी नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि जिले के गोदाम फुल हो चुके हैं। अब रखने की जगह नहीं बची है। इसलिए परिवहनकर्ता ने परिवहन से हाथ खड़े कर दिए हैं। अब तक 66988 मीट्रिक टन धान खरीदी जा चुकी है। लक्ष्य 70 हजार मीट्रिक टन का था।
किसानों ने खुद लगाया टेंट, खरीदे बारदाने
रसमोहनी केंद्र पहुंचे अधिकारियों ने किसानों को आक्रोशित पाया। किसानों ने भड़ास निकाली कि सात दिनों से अपनी उपज लेकर बैठे हुए हैं। वारदाने नहीं है। केंद्र में कोई व्यवस्था नहीं है। किसान मानसिंह, जय सिंह, पप्पू सिंह, उदय नारायण, डीएन सिंह, दीपनारायण मिश्रा, लिटिल सिंह, उमेश सिंह आदि ने बताया कि कई किसानों ने समितियों से वारदाने खरीदकर धान की पलटी की। केंद्र के बाहर स्वत: टेंट आदि लगाया ताकि ठण्ड में बचाव हो सके। इसके बाद भी खरीदी नहीं हो रही है। किसानों को चिंता है कि तय समय पर खरीदी हो पाएगी या नहीं। वारदानों की कमी है। रसमोहनी में अभी भी 35 हजार वारदानों की जरूरत बताई जा रही है।
अव्यवस्था देख अधिकारी सकते में
घोर अव्यवस्था वाले केंद्रों में रसमोहनी व जैतपुर भी शामिल है। दैनिक भास्कर लगातार उपार्जन को लेकर बनी अव्यवस्था को उजागर कर रहा है। 15 जनवरी के अंक में रसमोहनी केंद्र में परिवहन ठप होने व वारदानों की कमी से होने वाले किसानों की परेशानी प्रशासन के सामने रखा था। इसके बाद प्रशासन सकते में आया और गुरुवार को आपूर्ति विभाग, राजस्व विभाग व अन्य जिम्मेदार विभागों के अधिकारी रसमोहनी पहुंचे। जिला आपूर्ति नियंत्रक कमलेश तांडेकर व अन्य अधिकारियों ने देखा कि केंद्र में खरीदी के बाद हजारों क्विंटल धान रखा हुआ है। परिवहन 9 दिनों से नहीं हुआ है। दर्जनों किसान धान लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। यहां 40 हजार क्विंटल खरीदी का लक्ष्य है। अब तक 20 हजार क्विंटल की खरीदी हो चुकी है। परिवहन के लिए 15 हजार क्विंटल धान केद्र में रखी हुई है।
इनका कहना है
70 हजार मीट्रिक टन खरीदी के लक्ष्य के हिसाब से वारदानों की व्यवस्था की गई थी। अनुमान से अधिक धान आने की वजह से कमी हो गई। 350 गठान वारदानों की डिमांड की गई है। रायसेन से वारदाने आ रहे हैं। कल तक पहुंच जाने की संभावना है। गोदाम फुल होने की वजह से परिहवहन धीमा हुआ है।
एनएस पवार, प्रबंधक नान
रसमोहनी में परिवहन बंद पाया गया, वारदानों की कमी पाई गई। शनिवार वा रविवार को भी पोर्टल चालू रखने हेतु भोपाल चर्चा करने को कहा गया है। जो किसान अपनी उपज लेकर केंद्र पहुंच चुके हैं सभी से खरीदी करने की जाएगी। केंद्र में मिले अव्यवस्था को दूर करने हिदायत दी है, ताकि किसानों को परेशानी न हो।
धर्मेंद्र मिश्रा, एसडीएम जैतपुर