78 वाहनों के लिए जिले के किसी भी ट्रांसपोर्टर ने ई-टेंडर में नहीं लिया हिस्सा

सीएम राइज स्कूलों में वाहन चलाने संचालकों की रुचि नहीं 78 वाहनों के लिए जिले के किसी भी ट्रांसपोर्टर ने ई-टेंडर में नहीं लिया हिस्सा

Safal Upadhyay
Update: 2022-09-29 10:34 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले के सीएम राइज स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए यह खबर परेशान करने वाली है कि पहले की तरह आगामी समय में भी घर से विद्यालय तक पहुंचने के लिए स्वयं के साधन पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। वाहन व्यवस्था की तैयारी तब अधूरी रह गई, जब 78 वाहनों के लिए एक भी ट्रांसपोर्टर ई-टेण्डर की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ। जिससे विद्यार्थियों और परिजनों में निराशा व्याप्त है।

दरअसल जुलाई से छह स्कूलों का संचालन शुरु हुआ और वहां पर वाहन व्यवस्था नहीं मिली, तब शिक्षा विभाग ने उम्मीद जताई थी कि अगले कुछ दिनों में वाहन की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए ई-टेण्डर के माध्यम से 65 रुट में वाहन चलाने के लिए ट्रांसपोर्टस को बुलाया गया। हाल ही में जब पोर्टल में ई-टेण्डर को खोला गया तो एक भी ट्रांसपोर्टर नहीं रहा।

जिसके चलते सीएम राइज स्कूलों में अध्ययनरत 3 हजार 928 बच्चों को पहले की तरह पैदल, साइकिल या फिर अन्य निजी साधनों से ही 15 किलोमीटर दूर तक का सफर तय करना पड़ेगा। प्रत्येक विद्यार्थी पर 18 सौ का खर्चा ट्रांसपोर्टर को नुकसान न हो और बच्चों को इसकी सुविधा भी मिले। जिसके लिए शासन के निर्धारित दरों के आधार पर प्रत्येक विद्यार्थी का 1800 रुपए किराया निर्धारित किया गया था। उक्त परिवहनकर्ता को विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से यह राशि प्रतिमाह मिलती। रुट और विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने वाहनों को तीन वर्गों में विभाजित किया था। जिसमें 52, 32 और 12 सीटर वाहनों के लिए निविदा निकाली गई थी। इसके बावजूद छोटे वाहन संचालकों ने भी रुचि नहीं दिखाई।

पंद्रह किमी दूर से आते हैं बच्चे

सीएम राइज स्कूलों में बेहतर अध्यापन और वाहन व्यवस्था की जानकारी लगने पर पंद्रह-पंद्रह किलोमीटर दूर ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थी स्कूलों में प्रवेश लिए हैं। बड़वारा में 530, बहोरीबंद में 554, कटनी में 760, रीठी में 506, करेला में 766 और सीएम राइज कारीतलाई में 812 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बीच सत्र में वाहनों की उम्मीद समाप्त होने से अभिभावकों के सपने को ग्रहण लगा है। अभिभावकों का कहना है कि यदि यह पता होता कि इस सत्र वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाएगी तो वे नजदीक स्कूलों से नाम कटाते हुए सीएम राइज स्कूलों में नहीं भेजते।

इनका कहना है

सीएम राइज स्कूलों में वाहन व्यवस्था को लेकर प्रशासन संचालन के समय से ही गंभीर रहा। इसके लिए समिति भी गठित की गई थी। ई-टेण्डर के माध्यम से ट्रांसपोर्टरों से निविदा बुलाई गई थी। जिसमें एक भी ट्रांसपोर्टर सामने नहीं आया। इसकी जानकारी भोपाल भेज दी गई है। आगामी समय में जिस तरह के निर्देश भोपाल से मिलेंगे। उसका पालन किया जाएगा।
-अभय जैन, जिला समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान
 

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