रबी फसल को नहीं मिलेगा एक बूंद पानी, महानगर की जलापूर्ति में 20% तक कटौती

रबी फसल को नहीं मिलेगा एक बूंद पानी, महानगर की जलापूर्ति में 20% तक कटौती

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-31 17:52 GMT
रबी फसल को नहीं मिलेगा एक बूंद पानी, महानगर की जलापूर्ति में 20% तक कटौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस बार किसानों को रबी फसल में सिंचाई के लिए एक बूंद पानी नहीं मिलेगा। सिंचाई प्रकल्प से उनके लिए पानी नहीं छोड़ा जाएगा। किसानों को अपनी व्यवस्था खुद करनी होगी। चौराई बांध में पानी रोके जाने से इस बार पेंच बांध में पर्याप्त जलभंडारण नहीं हो पाया है। पेंच बांध में सिर्फ 33 प्रतिशत पानी भंडारण ने शहर की जलापूर्ति सहित किसानों का नियोजन गड़बड़ा दिया है। उद्योगों के लिए पानी की मांग अधिक न होने से उनकी आपूर्ति में कोई कटौती नहीं की गई है।

रबी फसल के लिए 300 एमएमक्यूब की पानी की जरूरत

विदर्भ सिंचाई विकास मंडल ने दावा किया है कि पेंच बांध से किसानों को रबी फसल के लिए 300 एमएमक्यूब की पानी की जरूरत होती है। लेकिन सिंचाई के मद्देनजर प्रकल्प में सिर्फ 60 से 65 एमएमक्यूब पानी ही उपलब्ध है। उपलब्ध पानी रबी फसल का एक रोटेशन भी पूरा नहीं कर पाएगा। इसलिए किसी भी हालत में किसानों को रबी फसल में पानी देना मुमकिन नहीं है। इस संकट के बीच उद्योगों की मांग और आपूर्ति बरकरार है, जिसमें किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। नागपुर जिले में 80 एमएमक्बूय पानी उद्योगों के लिए आरक्षित है। इसमें से 65 एमएमब्यूब अकेले कोराडी और खापरखेड़ा पॉवर प्लांट को जाता है। शेष 5 से 10 एमएमक्यूब अन्य उद्योगों को दिया जाता है। 

क्या कहते हैं अधिकारी ?

विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल का दावा है कि उद्योगों की मांग बहुत अधिक नहीं होने से उसमें किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। विदर्भ सिंचाई विकास मंडल अधिकारी आर.एम. चौहान के मुताबिक पेंच में पानी की यह स्थिति नहीं है कि रबी फसलों के किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाए। इसलिए उन्हें साफ कहा गया है कि इस बार उन्हें रबी के लिए पानी नहीं मिलेगा।  वहीं पेंच पाटबंधारे विभाग के अधिकारी जे.बी. तुरखेडे ने बताया कि इस साल अपर्याप्त बारिश और मध्यप्रदेश के चौराई बांध के कारण पेंच प्रकल्प में पानी कम हुआ है। जिसकारण पेंच प्रकल्प की दायी और बायी नहर से इस साल रबी और खरीफ फसल को पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा।

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