जहां खड़े हैं , पता लगा सकेंगे वहां की जमीन  की दरें, पंजीयन विभाग बना रहा एप 

जहां खड़े हैं , पता लगा सकेंगे वहां की जमीन  की दरें, पंजीयन विभाग बना रहा एप 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-12 09:21 GMT
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डिजिटल डेस्क, दमोह। यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की संपत्ति खरीदने की तैयारी कर रहा है या फिर इसकी रजिस्ट्री का दाम पता करना चाहता है तो इस बात के लिए की जो भी प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं उसका स्थान देखने के समय ही अपने मोबाइल से उस जमीन की असली कीमतों का पता लग जाएगा। इतना ही नहीं उस जमीन की रजिस्ट्री में कितना खर्च आएगा इस बात की जानकारी भी मोबाइल एप के जरिए पता लग जाएगी ।इसी एप के माध्यम से रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन पंजीयन भी बुक कर पाएंगे। सब रजिस्टार लोकेशन में हेरा फेरी करते हुए उस जमीन के दाम बढ़ाता या घटाता है ।इस बात को भी चैलेंज किया जा सकता है। इस प्रकार का एप पंजीयन विभाग द्वारा शीघ्र ही प्रारंभ किया जा रहा है।

जमीन की कीमत जानने सरल तरीका

लगातार हो रही फर्जी रजिस्ट्रीओं को रोकने और जमीन की कीमत जानने की जटिल तरीकों को सरल करने के लिए पंजीयन विभाग इस प्रकार का मोबाइल एप तैयार कर रहा है। जिस पर सभी प्रकार की प्रॉपर्टी की असली कीमत आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं ।सिर्फ जिस स्थान की कीमत जानना है उस स्थान पर जाकर खड़े होकर अपने मोबाइल से जीपीएस ऑन कर पंजीयन विभाग पर जाना होगा  इसके बाद उस जमीन के बारे में जिस प्रकार की भी जानकारी जानना चाहेंगे वह आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर प्रॉपर्टी में लगने वाली टैक्स के कैलकुलेशन की प्रक्रिया को भी सरल किया जा रहा है।

इस कारण हो रही व्यवस्था

पिछले कई वर्षों से देखा जा रहा था कि पंजीयन विभाग में होने वाली रजिस्ट्रीओं में काफी अनियमितताएं पाई जा रही थी और जब इन रजिस्ट्रियों की उच्च स्तर पर जांच हुई तो इस बात की जानकारियां सामने आई कि कॉलोनाइजरो द्वारा अनेक प्रकार की गड़बडिय़ां अधिकारियों से मिलीभगत से की गई हैं ।और मकानों के स्थान पर  कॉलोनाइजर और खरीददार की आपसी सहमति से अधिकारियों द्वारा प्लाट की रजिस्ट्री करा दी जाती है। इतना ही नहीं कई रजिस्ट्री में प्लाट की लोकेशन  सही नहीं पाई गई ।कुछ रजिस्ट्री या तो ऐसी भी पाई गई जिसका किसी भी प्रकार का कोई आधार ही नहीं था। इन बिंदुओं पर रिपोर्ट पेश होने के उपरांत पंजीयन विभाग के महा निरीक्षक ने देखा कि इससे सरकार को राजस्व की काफी हानि हो रही है और इस नुकसान को रोकने तथा आम जनता को पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए इस प्रकार की सुविधा दी जा रही है।

इनका कहना है 

विभाग द्वारा मोबाइल एप बनाया जा रहा है ।जिसके माध्यम से प्रॉपर्टी की कीमत एवं उसकी जानकारी उस जमीन पर जाकर खड़े होने से मोबाइल के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगी ।इस प्रकार की व्यवस्था प्रारंभ करने की कोशिश की जा रही है।  अमित राठौर महानिरीक्षक पंजीयन विभाग भोपाल
 

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