अब धरने पर बैठे पीएमसी बैंक खाताधारक, आरबीआई ऑडिटर के खिलाफ एफआईआर की मांग 

अब धरने पर बैठे पीएमसी बैंक खाताधारक, आरबीआई ऑडिटर के खिलाफ एफआईआर की मांग 

Tejinder Singh
Update: 2019-12-09 14:39 GMT
अब धरने पर बैठे पीएमसी बैंक खाताधारक, आरबीआई ऑडिटर के खिलाफ एफआईआर की मांग 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब एंड महाराष्ट्र को आपरेटिव बैंक खाता धारकों की मुश्किलें खत्म होने की नाम नहीं ले रहीं हैं। पैसे फंसने से परेशान सौ से ज्यादा खाताधारकों ने सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन किया। आरबीआई गवर्नर और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से निराध खाताधारक अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर गुहार लगाना चाहते हैं। साथ ही खाताधारक बैंक की धोखाधड़ी न पकड़ पाने वाले आरबीआई के ऑडीटरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। धरना-प्रदर्शन में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड ने भी हिस्सा लिया।  

प्रदर्शन कर रहे खाताधारकों में से एक सिद्धेश पांडे ने बताया कि उनका-उनकी पत्नी और उनकी तीन कंपनियों का खाता इसी बैंक में है। आरबीआई ने बैंक के कामकाज पर रोक लगा दी है। उनके पास पैस हैं लेकिन लिए गए कर्ज का वे भुगतान नहीं कर सकते। पांडे ने आरोप लगाया कि आरबीआई की गलत नीतियों के चलते व्यापारियों द्वारा लिए गए कर्ज एनपीए घोषित हो रहे हैं और उसका सीविल खराब हो रहा है। पांडे ने कहा कि जिन लोगों के खातों में पैसे हैं, उन्हें सरकार को किए जाने वाले भुगतान की भी इजाजत नहीं दी जा रही है। इससे खुद सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। पांडे ने बताया कि उनकी बेटी की शादी थी लेकिन इसके लिए भी उन्हें पैसे निकालने की इजाजत नहीं दी गई। पांडे ने कहा कि पीएमसी बैंक को लेकर आरबीआई की गलत नीति के चलते ही 80 दिनों में 18 खाताधारकों की जान जा चुकी है। अब भी कई लोग बीमार हैं। 

वित्तमंत्री का दावा गलत

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण दावा कर रहीं हैं कि 78 फीसदी खाताधारकों के पूरे पैसे वापस मिल गए हैं लेकिन इस गिनती में ज्यादातर वे लोग हैं जिसके कुछ हजार रुपए ही बैंक में थे। उन्हें सही आंकड़ा लोगों के सामने पेश करते हुए यह बताना चाहिए कि बैंक में खाताधारकों के कितने करोड़ रुपए थे और उसमें से कितने करोड़ रुपए उन्हें दिए गए। पांडे ने कहा कि हमने मामले पर आरबीआई के गवर्नर से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से भी मिलने की कोशिश नाकाम रही इसीलिए अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर खाताधारक अपनी बात रखना चाहते हैं। उम्मीद है उनकी बात सुनी जाएगी। 
 

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