एनआरएचएम घोटाला : टीबी मरीजों को मिलने वाली पोषण आहार राशि डकार गए कर्मचारी

एनआरएचएम घोटाला : टीबी मरीजों को मिलने वाली पोषण आहार राशि डकार गए कर्मचारी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-05 07:53 GMT
एनआरएचएम घोटाला : टीबी मरीजों को मिलने वाली पोषण आहार राशि डकार गए कर्मचारी

डिजिटल डेस्क,कटनी। स्वास्थ्य विभाग में मानवीय संवेदनाओं को दरकिनार करते हुए अफसरों और कर्मचारियों ने घोटाले में ऐसा गजब ढाया कि इसे सुनने और पढऩे के बाद शायद आप भी यह सोचने को मजबूर हो सकते हैं कि शासकीय विभाग में लंबी-चौड़ी वेतन पाने वाले कर्मचारी किस हद तक जा सकते हैं। जिस राशि से टीबी मरीजों को अपनी सेहत सुधारनी थी, उस राशि से स्वास्थ्य मोहकमा के अफसर और कर्मचारी अपनी सेहत सुधार लिए। इसका खुलासा एनएचएम की स्टेट लेवल कमेटी की जांच में निक्षय सॉफ्टवेयर के ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम से हुआ।

स्वयं के खातों में डाली राशि

यहां पर स्वास्थ्य महकमा के अधिकारियों ने यह राशि अपने या फिर जान-पहचान वालों के खाते में डाल दी। लाखों  रुपए की गड़बड़ी को यहां पर पांच कर्मचारियों ने कागजों में अंजाम दिया। परदे के पीछे इसमें अफसरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। साफ्टवेयर ने जो गड़बड़ी पकड़ी थी, उसमें एक कर्मचारी के एकाऊंट में दो से ढाई लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी।

मरीजों को कर रहे थे गुमराह

सैकड़ों मरीजों के पोषण आहार की राशि में गड़बड़ी की गई। यहां पर मरीज पोषण आहार की राशि मिलने के इंतजार में कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे। उन्हें यह कहा जाता रहा कि उनका खाता ठीक तरह से नहीं है। जो खाते की जानकारी मरीजों ने भेजी है। उसमें पैसा नहीं जा रहा है, और दूसरी तरफ कार्यालय के अंदर की पूरी फौज इस राशि को दूसरी तरह से ठिकाने लगाने की योजना में काम कर रही थी।

रिस्क फिल्टर ने खोला राज

यह खेल विभाग में तो लंबे समय से जारी रहा, लेकिन केन्द्र सरकार ने निक्षय साफ्टवेयर में रिस्क नाम का जो फिल्टर लगाया है। उससे गड़बड़ी सामने आई। टीबी मरीजों का स्वास्थ्य इलाज के दौरान ठीक तरह से रहे। जिसके लिए केन्द्र सरकार हर माह पांच सौ रुपए मरीजों को पोषण आहार के लिए देती है। यह पैसा निक्षय ट्रांसफर के माध्यम से किया जाता है।

फिर जमा कराई राशि

भोपाल में यह गड़बड़ी कटनी के अधिकारियों के लिए गले की फांस बनीं। लाखों रुपए की गड़बड़ी में चार से पांच कर्मचारियों का नाम सामने आया। जिसके बाद ऑनन-फानन में संलिप्त कर्मचारियों ने ड्राफ्ट बनाते हुए राशि जमा कराई। सीएमएचओ का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है। जांच रिपोर्ट भोपाल भेजी जा रही है।

इनका कहना है

नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं करने से इस तरह का मामला सामने आया। पहले टीबी मरीजों को पोषण आहार की राशि मस्टररोल में दी जाती थी। इसी तरह का पालन इस बार भी कर्मचारियों ने किया। मरीजों को जो राशि दी, उसके लिए किसी तरह से पावती नहीं ली। डिस्पैच के नियमों का पालन नहीं किया गया। पांच कर्मचारियों ने इसके लिए ड्राफ्ट जमा कर दिए हैं। जांच पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी, वहीं से अगली कार्यवाही होगी।- डॉ.एस.के निगम, सीएमएचओ

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