महाराष्ट्र में बाघों की संख्या दोहरे शतक की ओर, अगले साल पेश होगी रिपोर्ट

महाराष्ट्र में बाघों की संख्या दोहरे शतक की ओर, अगले साल पेश होगी रिपोर्ट

Tejinder Singh
Update: 2018-07-27 16:11 GMT
महाराष्ट्र में बाघों की संख्या दोहरे शतक की ओर, अगले साल पेश होगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाघों के मामले में अच्छी खबर आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में बाघों की संख्या 200 के ऊपर हो सकती है। इससे महाराष्ट्र देश में दूसरे नंबर पर कायम रहेगा। इस मामले में मध्य प्रदेश 308 बाघों के साथ प्रथम स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की गणना वर्ष 2017 के अगस्त माह से शुरू है, जो अंतिम चरण में पहुंच गई है। फेस 3 कैमरा ट्रैपिंग की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है।

अंतिम विश्लेषण की प्रक्रिया शुरू होने की कगार पर है। वर्ष 2019 के मार्च तक एनटीसीए (नेशनल टायगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) के माध्यम से महाराष्ट्र में कितने बाघ हैं, इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। उम्मीद है कि पिछले 3 वर्ष का रिकॉर्ड देखते हुए बाघों की संख्या 200 के पार जा सकती है। एनटीसीए की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में प्रति चार साल में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2014 में हुई गणना के अनुसार राज्य में 190 बाघ मौजूद हैं, हालांकि 2014 से अब तक कुछ बाघों की मौत होने की भी खबर आती रही है।

बाघों का जीवन चक्र सही रखने के लिए जंगली क्षेत्र में कितने बाघ हैं, इसका रिकॉर्ड वन विभाग द्वारा रखना जरूरी होता है। इसलिए वन विभाग की ओर से प्रति वर्ष अपने-अपने क्षेत्र में बाघों की गणना की जाती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एनटीसीए की बाघ गणना होती है, जो प्रति 4 वर्ष के बाद की जाती है। देशभर में इनके आंकड़ों को ही सही माना जाता है। एनटीसीए के अनुसार वर्तमान स्थिति में बाघों की संख्या में मध्य भारत में महाराष्ट्र नंबर 2 पर है, जहां 190 बाघ मौजूद हैं। वहीं मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 308 बाघ हैं।

इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 68, छत्तीसगढ़ में 46, ओडिशा में 28, राजस्थान में 45 और झारखंड में 3 बाघ हैं। आंकड़ों के अनुसार राज्य में प्रति 4 वर्ष में बाघों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। वर्ष 2006 में राज्य में 103 बाघ थे, इसके बाद 2010 में इनकी संख्या 168 पर पहुंच गई। वर्ष 2014 में और 31 बाघों की संख्या बढ़ी, तो 190 बाघों की संख्या दर्ज की गई। वर्ष 2018 में होनेवाली गणना के अनुसार यह आंकड़ा 200 के पार जाना तय है। 

मध्य भारत में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र
मध्य भारत में बाघों की संख्या में मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र का नंबर है। वर्ष 2006 से अभी तक यही स्थिति है। हालांकि वर्ष 2018 के आंकड़े अभी तक स्पष्ट नहीं हुए हैं। वर्ष 2014 में हुई बाघों की गणना के मुताबिक 688 बाघ मौजूद हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 308 हैं, वही महाराष्ट्र में 190 हैं। ये आंकड़े एनटीसीए के मुताबिक हैं।

कैसे होती है, गणना
बाघों की गणना के लिए चार फेस पूरे करने पड़ते हैं, जिसमें पहले फेस में लाइन ट्रांजीशन, प्लाट सर्वे किया जाता है। दूसरे फेस में रिमोट सेसिंग होती है। तीसरे फेस में कैमरा ट्रैपिंग और चौथे चरण में विश्लेषण किया जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण फेस कैमरा ट्रैपिंग का होता है। अधिकृत सूत्रों के अनुसार टायगर रिजर्व एरिया में प्रति 2 किमी पर कैमरे लगाए जाते हैं, जहां बाघों का आना-जाना लगा रहता है। कैमरे ऐसे जगहों पर भी लगाए जाते हैं, जहां बाघों के आने-जाने की संभावना रहती है। इसी के आधार पर गणना होती है।

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