अपहरण की शिकार हुई डेढ़ साल की मासूम बच्ची 4 माह बाद आकर गले लगी

अपहरण की शिकार हुई डेढ़ साल की मासूम बच्ची 4 माह बाद आकर गले लगी

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Update: 2019-09-07 12:28 GMT
अपहरण की शिकार हुई डेढ़ साल की मासूम बच्ची 4 माह बाद आकर गले लगी

डिजिटल डेस्क जबलपुर। डेढ़ साल की मासूम बच्ची 4 महीने के बाद आकर माँ के गले लगी और माँ कहकर पुकारा.. तो बेटी के वियोग में दीवानी हो चुकी माँ सविता कुशवाहा की आँखों से आँसुओं की धार निकल पड़ी और रोते हुए उसने खोई हुई मासूम को ऐसे खींचकर गले लगा लिया, जैसे वह अब उसे अपने से दूर कभी जाने नहीं देगी। 
स्टेशन से हुई थी गायब 
शुक्रवार की दोपहर जीआरपी थाने में माँ-बेटी के मिलाप के इस मार्मिक दृश्य को देखकर जीआरपी स्टाफ सहित अन्य लोगों की आँखों के कोर गीले हो गए। इस अवसर पर घटना की जानकारी देते हुए एसआरपी सुनील जैन ने बताया कि 5 मई को जब सतना निवासी  श्रीराम कुशवाहा अपने दो बच्चों पुत्र खुशीलाल, उम्र 4 वर्ष और बेटी दीपाली कुशवाहा, उम्र डेढ़ साल के साथ वाराणसी लोकमान्य तिलक टर्मिनस से सतना से मुंबई जा रहा था, तब जबलपुर रेलवे स्टेशन पर गाड़ी रुकने पर श्रीराम खाने लाने के लिए नीचे उतर गया था और जब थोड़ी देर बाद कोच में वापस लौटा, तो देखा दीपाली गायब थी। उसने फूल सी बच्ची को बहुत खोजा, यात्रियों से पूछताछ की, लेकिन किसी को कुछ भी पता नहीं था। आखिरकार उसने जीआरपी थाने में बच्ची के गुमने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बच्ची का अपहरण होने की आशंका जताई थी। उसके बाद जीआरपी थाना प्रभारी सुनील नेमा ने अपनी टीम के विनोद शुक्ला और राघवेन्द्र उरमलिया के साथ कई जगह बच्ची को तलाशने की कोशिश की।
 इसी बीच जीआरपी को पता चला कि अपहृत बालिका खंडवा में अमना नदी के किनारे पड़ी हुई है, जिसके सिर पर गंभीर चोटें हैं, जिसे इलाज के लिए जीआरपी ने इंदौर के मातृछाया सेवा संस्थान में भर्ती कराया था। बच्ची के ठीक होने के बाद माँ सविता को दीपाली की फोटो दिखाई गई, तो उसने बच्ची को पहचान लिया, जिसके आधार पर न्यायालय से आदेश प्राप्त कर अपहृत बालिका को माँ को दिलवाया गया। आज जीआरपी ने बच्ची को माँ के सुपुर्द कर दिया। 

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