अादर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए 4,982 शिक्षकों में से मिले मात्र 24 प्रस्ताव

अादर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए 4,982 शिक्षकों में से मिले मात्र 24 प्रस्ताव

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-03 08:39 GMT
अादर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए 4,982 शिक्षकों में से मिले मात्र 24 प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद स्कूलों में कार्यरत उल्लेखनीय कार्य करने वाले तहसील के एक शिक्षक को हर वर्ष आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार को पहले की अपेक्षा अब प्रतिसाद कम होता जा रहा है। इस वर्ष जिला परिषद को 10 तहसीलों से सिर्फ 24 शिक्षकों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 3 तहसीलों से एक भी शिक्षक ने प्रस्ताव पेश नहीं किया। प्राप्त प्रस्तावों में प्राथमिक विभाग के 21 और माध्यमिक विभाग के 3 शिक्षकों का समावेश है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (शिक्षक दिवस) पर जिला परिषद द्वारा आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। पुरस्कार के लिए जुलाई महीने से शिक्षकों से प्रस्ताव मंगवाए जा रहे हैं। पहले 4 अगस्त तक प्रस्ताव पेश करने की मुदत दी गई थी। शिक्षकों का प्रतिसाद नहीं मिलने पर मुदत बढ़ाकर 16 अगस्त की गई। बावजूद शिक्षकों का विशेष प्रतिसाद नहीं मिला। जिले की 13 तहसीलों में से सिर्फ 10 तहसीलों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 3 तहसीलों से एक भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ, जिसमें हिंगना, भिवापुर और कलमेश्वर तहसील का समावेश है। 

0.48 प्रतिशत शिक्षकों के प्रस्ताव
जिला परिषद के 1,538 प्राथमिक और 17 माध्यमिक स्कूल हैं। प्राथमिक विभाग में 4,802 और माध्यमिक विभाग में 180, कुल 4,982 शिक्षक कार्यरत हैं। आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए प्राप्त प्रस्ताव का प्रमाण 1 प्रतिशत से भी कम, यानी 0.48 प्रतिशत है। प्रस्ताव पेश करने वालों में 5 महिला शिक्षक हैं। प्राथमिक विभाग से 3 और माध्यमिक विभाग की 2 महिला शिक्षकों का समावेश है। पुरस्कार का कोई खास लाभ नहीं मिलने से शिक्षकों में इसे लेकर उदासीनता बढ़ती जा रही है। 

इस तरह होगा चयन
आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रस्ताव पेश करने वाले शिक्षकों की स्कूलों का जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम ने परीक्षण किया। इसमें स्कूल में स्वच्छता की स्थिति, विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति व शैक्षणिक गुणवत्ता तथा अन्य विविध विषयों का परीक्षण किया गया। परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आदर्श शिक्षकों के चयन पर मुहर लगाई जाएगी। हर एक तहसील से एक प्राथमिक शिक्षक और जिले में 2 माध्यमिक शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इस बार 3 तहसीलों से एक भी प्रस्ताव नहीं मिलने से इन तहसीलों में आदर्श शिक्षकों का चयन नहीं हो पाएगा।

 

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