कृषि कानून का विरोध : संविधान चौक पर प्रदर्शन बीर खालसा दल की भूख हड़ताल

कृषि कानून का विरोध : संविधान चौक पर प्रदर्शन बीर खालसा दल की भूख हड़ताल

Tejinder Singh
Update: 2020-12-24 13:19 GMT
कृषि कानून का विरोध : संविधान चौक पर प्रदर्शन बीर खालसा दल की भूख हड़ताल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का असर अब देशभर में देखा जा रहा है। उसकी व्यापकता और बढ़ती जा रही है। किसान संगठनों ने बुधवार को राष्ट्रीय किसान दिवस के मौके पर सभी से एक समय का अन्न त्याग का आह्वान किया था। नागपुर में मजूदर एकता मंच के आह्वान और राष्ट्रीय किसान दिवस पर बीर खालसा स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एकेडमी द्वारा संविधान चौक पर आंदोलन किया गया। आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानून के विरोध में भूख हड़ताल कर प्रदर्शन किया गया।   प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन देते हुए प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान वक्ताओं ने कृषि कानून को देश विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त कर अपनी मांगें रखीं। 

तीनों काले कृषि कानूनों को तुरंत प्रभाव से वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाकर पूरे भारत वर्ष के किसानों को उनकी उपज का स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से एमएसपी लागू करके समर्थन मूल्य पर ही खरीदी की गारंटी तुरंत प्रभाव से लागू करने, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग रद्द करने, एपीएमसी का महत्व कम नहीं करने।

केंद्र सरकार स्पष्ट करे

इस दौरान केंद्र सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा गया कि तीनों कृषि कानून किस सेक्टर में आते हैं। इंडस्ट्रियल या एग्रीकल्चर में। इस दौरान प्रमुख रूप से  खुशकवल सिंह आनंद, इकबाल सिंह सालहोत्रा, कंवलजीत सिंह चौहान, मनिंदर सिंह जब्ब्ल, कुलविंदर सिंह ढिल्लन, मनजीत सिंह मुंजाल ने भूख हड़ताल में हिस्सा लिया। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैठे रहे। इस अवसर पर गुरुदयाल सिंह पडडा, सुखचैन सिंह मुलतानी, निशान सिंह घोतरा, सतविंदर सिंह औजला, गुरुदेव सिंह मेयर आदि उपस्थित थे। 

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