धान उपार्जन - पहले दिन एक केंद्र में दो किसान पहुंचे, अधिकतर खरीदी केंद्र में पसरा सन्नाटा 

धान उपार्जन - पहले दिन एक केंद्र में दो किसान पहुंचे, अधिकतर खरीदी केंद्र में पसरा सन्नाटा 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-17 13:12 GMT
धान उपार्जन - पहले दिन एक केंद्र में दो किसान पहुंचे, अधिकतर खरीदी केंद्र में पसरा सन्नाटा 

खरीदी केंद्रों में टेंट लगे न बैठने की व्यवस्था
डिजिटल डेस्क शहडोल ।
जिले में धान उपार्जन का काम 16 नवंबर से शुरू होना था, लेकिन अधिकतर खरीदी केंद्रों में इसकी कोई तैयारी ही नजर नहीं आई। न तो किसानों के बैठने, छाया, पानी आदि की व्यवस्था की गई थी, न खरीदी संबंधी फ्लेक्स व संबंधित अधिकारियों के नंबर चस्पा किए गए थे। जिले के अधिकतर खरीदी केंद्र सोमवार को सूने रहे। जिले में इस बार 51 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। खरीदी के पहले दिन सिर्फ दो किसानों से धान की खरीदी हुई है। पपरेड़ी केंद्र में दो किसानों से 10.80 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। बाकी किसी भी सेंटर में किसान नहीं पहुंचे। जिले में खरीदी का काम देर से ही शुरू होता है, क्योंकि यहां धान की खेती करीब 15 दिन पीछे चलती है। वर्तमान में अधिकतर क्षेत्रों में धान की गहाई का काम चल रहा है। इसमें करीब एक सप्ताह का समय लग जाएगा। पिछले वर्ष 25 नवंबर के बाद खरीदी शुरू हुई थी। इसको देखते हुए अधिकारियों ने इस वर्ष भी जिले में 25 नवंबर से खरीदी करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन शासन स्तर से 16 नवंबर से खरीदी शुरू करने के निर्देश थे। 
सिंहपुर : 11 बजे तक ताला ही नहीं खुला
जिला मुख्यालय से लगे सिंहपुर खरीदी केंद्र में सुबह 11 बजे तक कार्यालय का ताला नहीं खुला था। खरीदी केंद्र में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही किसानों के लिए छाया व बैठने का इंतजाम किया गया है। प्रबंधक जयंती मिश्रा से जब बात की गई तो वे शहडोल में थे। उनका कहना था कि दिवाली के कारण तैयारियां नहीं की गई हैं। एक-दो दिन में सब हो जाएगा। यहां कुल 580 किसानों ने पंजीयन कराया है। 
गोहपारू : चबूतरों को अब करा रहे खाली  
इस तरह गोहपारू के मोहतरा खरीदी केंद्र में भी धान उपार्जन के लिए कोई तैयारी नजर नहीं आई। साफ-सफाई तक नहीं कराई गई है। जगह-जगह गंदगी पड़ी है। खरीदी के लिए बने आधे से ज्यादा चबूतरों में गेहूं भंडारित है। सोमवार को गेहूं का उठाव किया जा रहा था ताकि धान उपार्जन के लिए चबूतरों को खाली किया जा सके। वहीं बारदाने खुले में ही पड़े हुए थे। यहां 403 किसानों ने पंजीयन कराया है। 
सत्यापन का काम अभी भी अधूरा
जिले में धान उपार्जन के लिए इस बार कुल 26113 किसानों ने पंजीयन कराया है। पिछले एक माह से इनके सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। खरीदी की तारीख आ गई, लेकिन अभी तक सत्यापन का काम पूरा नहीं हुआ है। जिले में करीब 92 किसानों का सत्यापन किया गया है। राजस्व विभाग के कर्मचारी अभी भी सत्यापन में लगे हुए हैं। कलेक्टर ने सभी एमडीएम, तहसीलदार एवं सीईओ जनपद पंचायत को उपार्जन तिथि से पहले सत्यापन पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए विशेष रुचि लेकर समय पर काम कराने को कहा गया था, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। 
इनका कहना है 
पहले दिन दो किसानों से खरीदी हुई है। जहां अभी तक तैयारी नहीं की गई है, वहां तत्काल जरूरी व्यवस्थाएं बनवाई जाएंगी। इस बार निर्देश है कि मिलर की जितनी क्षमता है, उतनी धान वह उपार्जन केंद्रों से सीधे उठाव कर सकता है। साथ ही मिलिंग स्टोर में जितनी भंडारण क्षमता है, उतना भंडारण भी कर सकता है। 
कमलेश टांडेकर, जिला आपूर्ति अधिकारी 
 

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