ओपन कैप में खराब हो गई 20 करोड़ रुपये की धान

ओपन कैप में खराब हो गई 20 करोड़ रुपये की धान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-19 09:19 GMT
ओपन कैप में खराब हो गई 20 करोड़ रुपये की धान

डिजिटल डेस्क कटनी । प्रशासन इस बार भी राशन दुकानों में गुणवत्ताविहीन चावल बांटने की तैयारी करते हुए खराब धान को जबरदस्ती मिलिंग कराने में लगा हुआ है। शासन के आदेश तो पहले ओपन कैप में रखे धान को मिलिंग कराने का रहा, लेकिन नॉन ने उन गोदामों से धान उठवाया। जहां पर धान सुरक्षित रहे। मझगंवा फाटक के समीप डेढ़ लाख क्विंटल धान को बारिश में सडऩे दिया। सात माह में नॉन के अफसर इस तरफ ध्यान नहीं दिए और डेढ़ लाख क्विंटल में से अभी भी सवा लाख क्विंटल धान यहां पर भण्डारित है। खराब धान को लेकर राइस मिलर्स और नॉन अब आमने सामने आ गए हैं।
पांच लाख क्विंटल धान बचा
पहले तीस सितम्बर तक मिलिंग का समय नॉन को दिया गया था, इसके बावजूद नॉन और मिलर्स के बीच अनुबंध में देरी हुई। जिसके चलते समय पर धान मिलिंग का काम नहीं हो सका। पिछले खरीफ की सीजन में 21 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी। इसमेें अभी तक करीब 16 लाख 40 हजार क्विंटल धान की ही मिलिंग हुई है। फिर से एक बार और समय दिया गया है, लेकिन जिस तरह से मिलर्स और नॉन आमने-सामने हैं। उससे यही लग रहा है कि इस बार भी तय सीमा में धान मिलिंग का काम नहीं हो सकेगा।
तीन माह में उठाना था अनाज
खुले में रखी हुई धान को तीन माह के अंदर उठाकर उसे सुरक्षित रुप से रखने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में मिलिंग के समय यह निर्देश रहा कि पहले उन जगहों से धान का उठाव करें, जहां पर ये धान असुरक्षित रुप से रखे हुए हैं। इसके बावजूद नागरिक आपूर्ति निगम ट्रांसपोर्टस के इशारे पर नाचता रहा। कम और अधिक दूरी का खेल यहां पर चलता रहा। मझगंवा फाटक में रखी धान खराब होने की कगार पर पहुंच गई है, तब अधिकारियों की नींद खुली और वहां
से मिलर्स को धान उठाने के निर्देश दिए।
राशन दुकानों में होती है खपत
ऐसे अनाजों को राशन दुकानों में खपत किया जाता है। राशन दुकानों में गुणवत्तायुक्त अनाज के लिए शासन ने तो पूरी टीम तैनात कर रखी है। इसके बावजूद राशन दुकानों में जो अनाज पहुंचता है, उसका किसी तरह से टेस्ट करे बगैर उसे उपभोक्ताओं में बांट दिया जाता है। राशन दुकानों में अनाज लेने वाले अधिकांश लोग आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के होते हैं। इस स्थिति में वे भी  किसी तरह से शिकवा-शिकायत करने से बचते हैं, और विभाग इसमें
खेल-खेल रहा है।
इनका कहना है
मझगवां ओपन कैप में धान खराब नहीं हुआ है। यहां से धान का उठाव मिलिंग के लिए किया जा रहा है। कहीं पर कोई खराबी नहीं है।
-पीयूष माली, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कटनी
 

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