पेट से जुड़े जुड़वा बच्चों को लेकर जब जनसुनवाई में पहुंचे माता-पिता

पेट से जुड़े जुड़वा बच्चों को लेकर जब जनसुनवाई में पहुंचे माता-पिता

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-06 15:57 GMT
पेट से जुड़े जुड़वा बच्चों को लेकर जब जनसुनवाई में पहुंचे माता-पिता

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जनसुनवाई के दौरान जिले के अमलाई क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर के ग्राम बेलिया निवासी गिरिजा सिंह व अजय सिंह जुड़वा बच्चों को लेकर प्रभारी कलेक्टर से मिले। उन्होंने गुहार लगाई कि पेट से जुड़े इन बच्चों को सर्जरी के जरिए अलग करने के लिए आने वाला खर्च वहन नहीं कर सकते। पेट से जुड़े जुड़वां बच्चों को सर्जरी के माध्यम से अलग करने के मामले को जिले के स्वास्थ्य विभाग ने चैलेंज के रूप में लिया है। हालांकि जिले में इस प्रकार का यह पहला मामला है और ट्रिपिकल सर्जरी की सुविधा यहां नहीं है, फिर भी विभाग द्वारा सीजीआई चण्डीगढ़ अथवा एम्स दिल्ली में सर्जरी कराकर अलग करने की प्लानिंग बनाई जा रही है।

यह है पूरा मामला

अजय सिंह ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने और सोनोग्राफी में जुड़वा बच्चे होने की बात सामने आने पर पत्नी गिरिजा को जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां 26 जुलाई को जुड़वा बच्चे पैदा तो हुए, लेकिन उनका पेट आपस में जुड़ा हुआ था। चिकित्सकों ने सर्जरी के लिए 6 माह तक का अवसर दिया लेकिन जो खर्च बताया वह वहन नहीं कर सकते। इसलिए शहडोल ले आए। प्रभारी कलेक्टर द्वारा दोनों को बच्चे सहित जिला चिकित्सालय भेजा गया। जहां पेट से जुड़ें बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती कर लिया गया है।

तेजी से घट रहा वजन

जुड़वा दोनों बच्चे मेल हैं। एसएनसीयू में भर्ती तो कर लिया गया है लेकिन इन्हेें आहार देने में दिक्कत हो रही है। जुड़े होने के कारण मां ठीक से स्तनपान भी नहीं करा पा रही है। बच्चों को ऊपर से दूध दिया जा रहा है। जिसके कारण दोनेां का वजन तेजी से घट रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि दोनों को मिलाकर वजन मात्र 3 किलोग्राम के आसपास है।

यहां नहीं हो सकती सर्जरी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी  डॉ. राजेश पाण्डेय ने बताया कि जिले में इस प्रकार का यह पहला मामला सामने आया है। आपस में जुड़े बच्चों को सर्जरी कर अलग करना आवश्यक है लेकिन हमारे यहां संसाधन और विशेषज्ञ नहीं है। उन्होंने बताया कि पता किया गया तो शासकीय संस्थान सीजीआई चण्डीगढ़ अथवा दिल्ली ऐम्स में इस प्रकार की सर्जरी हो सकती है। प्राथमिक तौर पर दोनों की जान बचाए रखना जरूरी है, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। शासन स्तर पर चर्चा कर जहां भी सर्जरी की बात होगी वहां तक भिजवाने की व्यवस्था हम कराएंगे।

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