कलेक्ट्रेट में पटवारियों का दिन भर चला आंदोलन, आश्वासन से संतुष्ट नहीं
कलेक्ट्रेट में पटवारियों का दिन भर चला आंदोलन, आश्वासन से संतुष्ट नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पटवारी व मंडल अधिकारियों ने "साजा" की पुनर्रचना पर अमल की मांग को लेकर आज कलेक्टर परिसर में दिन भर काला फीता लगाकर आंदोलन किया। पटवारी व मंडल अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया। पटवारी व मंडल अधिकारी छुट्टी पर रहने से जिला मुख्यालय व तहसील कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ। इधर जिलाधीश रवींद्र ठाकरे ने पटवारियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, लेकिन बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। विदर्भ पटवारी संघ जिलाधीश के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हो सका।
"साजा" की पुनर्रचना पर अमल करने की मांग को लेकर विदर्भ पटवारी सघ व मंडल अधिकारी संघ की ओर से 30 जनवरी को शहर तहसील कार्यालय व जिले की अन्य 13 तहसील कार्यालयों में काला फीता लगाकर एक घंटे तक प्रदर्शन किया गया था। मांग पूरी नहीं होने पर 7 फरवरी को सामूहिक रजा लेकर जिला मुख्यालय में आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। जिले के सभी पटवारी व मंडल अधिकारी सुबह 10 बजे जिलाधीश परिसर में इकट्ठा हुए और काला फीता लगाकर दिन भर आंदोलन किया। जिलाधीश रवींद्र ठाकरे ने पटवारी संघ व मंडल अधिकारी संघ के प्रतिनिधि राजेश चुटे, प्रकाश बोरकर, संजय अनवाणे, हरीश्चंद्र मलिये व विजय मर्जिवे को चर्चा के लिए बुलाया। जिलाधीश ठाकरे ने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। आंदोलनकारी मांगें शीघ्र पूरी करने पर अड़ गए। चर्चा के दौरान निवासी उपजिलाधीश रवींद्र खजांजी भी मौजुद थे। चर्चा खत्म होने के बाद सभी प्रतिनिधि बाहर आए आैर आंदोलन पून: शुरू हुआ।
विदर्भ पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश चुटे व सचिव विजय मर्जिने ने बताया कि अमरावती विभाग में साजा पर अमल शुरू हुआ है। नागपुर विभाग में गोंदिया, भंडारा व वर्धा जिले में साजा पर अमल हो रहा है। नागपुर में अभी तक अमल नहीं हो सका है। केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। 7 फरवरी को संविधान चौक से जिलाधीश कार्यालय तक माेर्चा निकाला जाएगा। 12 फरवरी को पटवारी व मंडल अधिकारी बेमियादी काम बंद आंदोलन करेंगे। आंदोलन में पटवारी संघ के एच. के. पवार, राधेश्याम सोनकुसरे समेत बड़ी संख्या में पटवारी व मंडल अधिकारी शामिल थे।
क्या है साजा
साजा के तहत पटवारी व मंडल अधिकारियों का काम का बंटवारा करना है। इससे पटवारी व मंडल अधिकारियों का वर्क लोड कम होगा। साथ ही तय समय पर 20-20 फीसदी पद निर्माण करना है। काम का बंटवारा होने से काम करने में भी आसानी होगी। सरकार दो साल पहले ही इससंबंध में अधिसूचना जारी कर चुकी है।