सड़कों पर गड्‌ढे ही गड्‌ढे : हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सू-मोटो जनहित याचिका दायर की

सड़कों पर गड्‌ढे ही गड्‌ढे : हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सू-मोटो जनहित याचिका दायर की

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-18 08:12 GMT
सड़कों पर गड्‌ढे ही गड्‌ढे : हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सू-मोटो जनहित याचिका दायर की

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर की सड़कों पर गड्ढों के चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। एक मौत भी हो चुकी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने इस पर संज्ञान लेते हुए सू-मोटो जनहित याचिका दायर की है।  न्यायमूर्ति जेड.ए.हक और न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला ने सुनवाई के बाद पुलिस और मनपा आयुक्त को नोटिस जारी कर 23 सितंबर तक जवाब मांगा है। अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि शहर की अधिकांश सड़कों की हालत बुरी है। जगह-जगह गड्ढे हैं। मीडिया में लगातार यह मुद्दा प्रकाशित हो रहा है। बीते 5 माह में कई दुर्घटनाएं हुईं। यहां तक कि एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। 

पूरी जानकारी मांगी

कोर्ट ने कहा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग की अनदेखी के कारण यह समस्या बढ़ गई है। ऐसे में कोर्ट को इस पर  संज्ञान लेना पड़ रहा है। कोर्ट ने सड़कों पर गड्ढों के लिए जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी मनपा से मांगी है। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि अब तक मनपा और पुलिस की ओर से कितने मामलों पर संज्ञान लिया गया है और कितने मामलों में व किसके खिलाफ अपराध दर्ज किए गए, इसकी जानकारी भी शपथ-पत्र मंे होनी चाहिए। 23 सितंबर तक जवाब न आने पर 24 सितंबर को पुलिस और मनपा आयुक्त दोनों को कोर्ट में उपस्थित रह कर जवाब देना पड़ेगा। कोर्ट ने एड. राहिल मिर्जा को न्यायालयीन मित्र नियुक्त किया है। सरकार की ओर से सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी और सहायक सरकारी वकील एस.पी. देशपांडे पैरवी करेंगे। मनपा की ओर से  सुधीर पुराणिक पक्ष रखेंगे। 

सड़कों की हालत से उठ रहे हैं सवाल

एक ओर जहां सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है, वहीं सड़कों की हालत पर नागपुर नगर निगम के भ्रष्टाचार और अयोग्यता पर सवाल उठ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में हेलमेट नहीं पहनने के कारण दुर्घटनाग्रस्त दोपहिया वाहन चालकों की मौत के मामले सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश मंे 6020 जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र में 5232 मौतें हुईं।

मनपा का दावा-भरे 1464 गड्ढे

नगर निगम का दावा है कि उसने 1 जून से 10 सितंबर के बीच 1464 गड्ढे भरे हैं, जबकि शहर में हल्की बारिश के बाद सड़कों पर गड्ढों के दोबारा बन जाने की समस्या आम है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि लोक निर्माण विभाग दिशा-निर्देशों का पालन ठीक से नहीं करता है। 

प्रावधान नहीं

ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में जुटे स्वयंसेवी संस्था के सदस्य बताते हैं कि सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में सड़कों पर गड्ढों के कारण होने वाले हादसों के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। 

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