सीएम के इंतजार में ठंडे बस्ते में नालों के विकास की योजना

सीएम के इंतजार में ठंडे बस्ते में नालों के विकास की योजना

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-18 08:16 GMT
सीएम के इंतजार में ठंडे बस्ते में नालों के विकास की योजना

डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। जिला मुख्यालय में सातों नालों के विकास की योजना स्वीकृति और टेण्डर लगने के बाद इसके कार्य की शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री के आगमन की राह देखी जा रही है, जहां वे कार्य की आधार शिला को रखेंगे। जहां एक ओर आगमन की तिथियां लगातार बढ़ रही हैं वहीं नगर परिषद को 22 करोड़ रुपए की योजना के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। यहां संबंधित अधिकारियों का कहना है कि जिले में बनने वाले सीवर प्लांट की मानीटरिंग भोपाल से होना है ऐसे हालातों में सातों नालों के मेप और उसके लिए शहर के कौन-कौन से क्षेत्र व लोग प्रभावित होंगे इसकी जानकारी नहीं है। यहां शासन स्तर पर सर्वे तो हुआ है लेकिन इस सर्वे में स्थानीय परिषद की भूमिका ना होने से योजना के विवादित होने की भी संभावनाएं नजर आ रही है। बताया जाता है कि सीवर प्लांट का कार्य संभवत: इसी माह प्रारंभ हो सकता है और जहां पूर्व में 24 जनवरी को भूमिपूजन होने की संभावना बताई गई थी वहीं अब इसके लिए 31 जनवरी का समय तय होना माना जा रहा है। वैसे इस तिथि को लेकर भी अधिकारी अभी संशय में हैं और उनका कहना है कि सीएम से भूमिपूजन के लिए स्वीकृति अभी नहीं मिली है और ना ही कोई प्रोटोकाल आया है।
निकट है नर्मदा जयंति
लोगों का कहना है कि एक साल पुरानी योजना अभी शुरु नही हो पाई है और इस बारे में संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी ठोस जानकारी नहीं है ऐसे हालात में नगर परिषद ने भी अभी तक नालों पर कोई कार्य नहीं किया है। नर्मदा जयंति भी 24 जनवरी को है जहां लोगों की भारी भीड़ रहेगी। ऐसे हालातों में नगर परिषद द्वारा ही समय रहते शहर की गंदगी को नालों से नर्मदा जी में समाहित होने से रोका जाना चाहिए।
समाहित हो रही गंदगी
जिला मुख्यालय के सातों नालों से वर्तमान में गंदगी नर्मदा जी में समाहित हो रही है जिसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। बताया जाता है कि यहां डेमघाट, धर्मशाला, देवरा पुल पास, अस्पताल चौक से निकले नाले के अलावा इमली कुटी व सुबखार क्षेत्र के दोनों नालों की गंदगी आ रही है। पूर्व में इन नालों की गंदगी को रोकने के लिए नगर परिषद ने अस्थाई ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया था जो कि बारिश में बह चुका है, अब हालात इतने बदत्तर हो रहे है कि इन नालों के संगम स्थल से 200 मीटर दूर तक गंदगी ही गंदगी नजर आती है और पानी भी आचमन करने के योग्य नहीं रहता।
इनका कहना है
22 करोड़ रुपए की लागत होने वाले सीवर प्लांट में मुख्यमंत्री के द्वारा भूमिपूजन किया जाना है और इसके लिए अभी समय निर्धारित नहीं हुआ है,  यहां योजना का कोई मेप या जानकारी भोपाल से नहीं मिली है जिससे इस योजना के विस्तार के बारे में नहीं बताया जा सकता।
पंकज तेकाम अध्यक्ष नगर परिषद

 

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