18 घंटे बाद हो सका एक दिन के नवजात का पीएम, परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस पहुंची

18 घंटे बाद हो सका एक दिन के नवजात का पीएम, परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस पहुंची

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-13 13:07 GMT
18 घंटे बाद हो सका एक दिन के नवजात का पीएम, परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस पहुंची

डिजिटल डेस्क, शहडोल। नवजात की मौत को लेकर मंगलवार को उपजे विवाद के बाद दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा। एक दिन के बच्चे का शव लेकर परिजन भटकते रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण मौत के 18 घंटे बाद पोस्टमार्टम हो सका। परेशान परिजनों ने हंगामा करते हुए व्यवस्था को जमकर कोसा और मेटरनिटी वार्ड के मेन गेट को बंद कर दिया। इसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा जब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।

ज्ञात हो कि ग्राम रोहनिया निवासी भूपेंद्र सिंह की पत्नी प्रीति सिंह के नवजात की मौत मंगलवार की शाम 4 बजे हो गई थी। परिजनों ने मौत का कारण लापरवाही को ठहराते हुए एसएनसीयू वार्ड का कांच तोड़ दिया था। कोतवाली से पहुंची पुलिस ने  पक्ष को समझा बुझाया और मर्ग कायम कर जांच की बात कही। दूसरे दिन बच्चे के शव का पोस्टमार्टम होना था। सुबह 7 बजे से परिजन प्रयास कर रहे थे। चूंकि मामला नवजात का था इसलिए पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम को करना था। किसी डॉक्टर ने कह दिया कि पीएम की कार्यवाही यहां नहीं सागर में होगी। परिजनों का कहना था कि यहां टीम पीएम क्यों नहीं कर सकती, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था।

अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई जिम्मेदार वहां नहीं थे। परेशान लोगों ने मेटरनिटी वार्ड के मुख्य दरवाजे पर ताला बंद कर दिया। पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद कोतवाली प्रभारी स्टाफ के साथ पहुंचे। परिजनों को समझाकर ताला खुलवाया और सीएस से बात की। तब कहीं जाकर सीएस वहां पहुंचे, इसके बाद दो डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। तब तक दोपहर के 12 बज चुके थे।

इनका कहना है
नवजात की मौत पर मर्ग कायम किया गया है। पीएम जरूरी था, लेकिन विलंब के कारण परिजनों ने हंगामा किया। जिन्हें समझाकर मामला शांत कराया गया।
विकास सिंह, कोतवाली प्रभारी

मृत बच्चा एक दिन का था, पीएम में कुछ कठिनाई महसूस होने के कारण शिशु रोग विशेषज्ञ का इंतजाम करने में थोड़ी देरी हुई।
डॉ. उमेश नामदेव, सिविल सर्जन
 

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