पुलिस ने बस स्टैंड एवं जिला अस्पताल में असामाजिक तत्वों की धरपकड़ की

दलालों का अड्‌डा बना अस्पताल पुलिस ने बस स्टैंड एवं जिला अस्पताल में असामाजिक तत्वों की धरपकड़ की

Safal Upadhyay
Update: 2022-09-23 09:41 GMT
पुलिस ने बस स्टैंड एवं जिला अस्पताल में असामाजिक तत्वों की धरपकड़ की

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। जिला अस्पताल में दलालों का गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा है, लेकिन प्रबंधन बेपरवाह बना हुआ है। दलालों का बोलबाला इतना है कि डॉक्टर्स भी परेशान हैं। मरीज को रैफर करते ही दलाल उनके परिजनों पर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं। हालात यह हो गए हैं कि पुलिस को दखलदांजी करना पड़ रही है। पिछले 12 दिन में 32 दलाल पुलिस के जाल में फंस चुके हैं।

गुरुवार को भी पुलिस ने अस्पताल परिसर में दलालों को पकड़ने ऐसा जाल बिछाया कि वह समझ ही नहीं सके और गिरफ्त में आए। पुलिस सुबह से ही सादे पकड़ों में परिसर के अंदर सक्रिय हो गई थी। करीब एक घंटे की रैकी के बाद 20 दलाल पुलिस के झांसे में फंस ही गए। इसके पहले 11 सिंतबर को भी परिसर से 12 दलालों को पकड़कर जेल भेजा था। शेष 4 सरकारी कर्मचारी और एक सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल था। उन्हें पुलिस ने जिला अस्पताल की सुरक्षा समिति की सहमति से समझाइश देकर छोड़ा गया था। डीएसपी शंशाक जैन के नेतृत्व में गठित टीम अब तक कुल 32 दलालों को गिरफ्त में ले चुकी है। डीएसपी ने बताया कि ब्लड बैंक, मेडिकाल स्टोर्स से दवा, एंबुलेंस के नाम पर और मरीजों के बाहर रैफर होने पर कमीशन के चक्कर में अपने अस्पताल ले जाने के नाम पर ठगी करने वाले दलालों की धरपकड़ की गई है।

मेडिकल कर्मचारी दलालों से कम नहीं

ओपीडी और डॉक्टर्स के चैंबर के बाहर मेडिकल स्टोर्स के कर्मचारी भी सक्रिय रहते हैं। यह लोग मरीजों को उनके मेडिकल से दवाएं खरीदने का दबाव बनाते हैं। एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम लोग इन दलालों से परेशान हैं। हम पर भी बाहर से दवाएं का दबाव बनाने से नहीं चूकते हैं। इसके बावजूद कतिपय डॉक्टर कभी-कभार बाहर की दवाएं लिख देते हैं। उनका तर्क रहता है कि वही दवा लिखी गई है, जो अस्पताल में नहीं है।

लगातार मिल रहीं थीं शिकायतें

पुलिस को जिला अस्पताल में असामाजिक तत्वों के जमावड़े की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा अवैध वसूली और एंबुलेंस चालकों की मनमानी के मामले भी सामने आ रहे थे। इन्हें पकड़ने के लिए एसपी के निर्देशन में यह काार्रवाई की जा रही है। बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल प्रबंधन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है, जबकि उसके पास भी दलालों की सक्रियता की शिकायतें पहुंचती रहती हैं।

40 पुलिसकर्मियों ने सुबह अस्पताल, शाम को बस स्टैंड पर दी दबिश, 3 एंबुलेंस भी जब्त

पुलिस ने दो शिफ्टों में दबिश दी। पहले सुबह 11 बजे अस्पताल में फिर शाम 5 बजे बस स्टैंड पर घेराबंदी की। अस्पताल में दलालों और बस स्टैंड पर असामाजिक तत्वों को पकड़ा। इसके लिए 40 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। टीम ने अलग-अलग प्वाइंटों पर मोर्चा संभाला। दलालों और असामाजिक तत्वों शक न हो, इसके लिए सभी सिविल वर्दी में आए। बस स्टैंड से 66 असामाजिक तत्वों को पकड़ा। वहीं अस्पताल से 20 दलाल को गिरफ्त में लिया गया। अस्पताल परिसर से 3 एंबुलेंस भी जब्त की गईं। यह एंबुलेंस सोनू स्टोप की बताई जा रही हैं। सभी लोगों को हिरासत में लेकर आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। इसके बाद विधि संगत कार्रवाई की जाएगी।
 

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