सट्टा-जुआ के विरुद्ध पुलिस की झूठी कार्रवाई, बड़े सटोरियों को संरक्षण

सट्टा-जुआ के विरुद्ध पुलिस की झूठी कार्रवाई, बड़े सटोरियों को संरक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-21 11:35 GMT
सट्टा-जुआ के विरुद्ध पुलिस की झूठी कार्रवाई, बड़े सटोरियों को संरक्षण

डिजिटल डेस्क, कटनी। पुलिस बड़े सटोरियों पर कार्यवाही से बच रही है। यह बात हम नहीं बल्कि पुलिस के द्वारा जुआ एक्ट के विरुद्ध की गई कार्यवाही ही कह रही है। दरअसल जिले के अलग-अलग थानों में रोजाना जुआ-एक्ट के विरुद्ध सख्ती तो बरती जा रही है, लेकिन यह कार्यवाही सिर्फ छोटे सटोरियों तक में सीमित होकर रह जाता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि उच्चाधिकारियों के आगे थाने की पुलिस रुतबा बढ़ाने के लिए कार्यवाही में बड़े सटोरियों का अप्रत्यक्ष रुप से सहारा लेती है।

कार्यवाही पर डालें नजर
तीन दिनों की कार्यवाही में नजर डालने पर ही पुलिस की कार्यप्रणाली कई तरह के सवालिया निशान लगा रही है। गुरुवार को जिले के चार थानों में जुआ एक्ट के तहत कार्यवाही की गई। कैमार थाना क्षेत्र में खलवारा बाजार से चिन्तामन रजक को सट्टा खिलाते हुए पकड़ा गया। आरोपी युवक के पास से 290 रुपए नगद और अन्य सामग्री पुलिस ने जब्त की। रीठी थाना में बस स्टैण्ड से पुलिस ने सुखचैन वर्मन को सट्टा खिलाते हुए धर-दबोचा। आरोपी के पास से 600 रुपए नगद जब्त किए गए। एनकेजे थाना क्षेत्र के पिपरिया गांव में मंगल सिंह के पास से 320 रुपए जब्त किए गए। कुठला थाना क्षेत्र के कैलवारा खुर्द में जुआ फड़ पर दबिश देते हुए पुलिस ने नितेश पटेल और अन्य दो लोगों को गिरफ्तार किया। फड़ से महज 9 सौ रुपए की ही जब्ती पुलिस बता रही है। नदीपार में मोहन निषाद को सट्टा खिलाते हुए पकड़ा गया। आरोपी  के पास से 320 रुपए नगद जब्त किए गए।

रास आ रही पुलिसिया कार्रवाई
कब-कब कौन से सटोरिए को पकड़वाना है, और उससे कितनी राशि जब्त की जानी है। इस बात का भी फैसला बड़े सटोरिए अपने ठीहे से करते हैं। उच्चाधिकारियों की डांट-फटकार के बाद थाने के द्वारा तो सट्टा और जुआ  के  विरुद्ध कार्यवाही की जाती है, लेकिन यह कार्यवाही सिर्फ कागजी खानापूर्ति में सिमट कर रह जाती है। कहने के लिए सट्टा और जुआ में कार्यवाही का आंकड़ा बढ़ जाता है। लेकिन परदे के पीछे से इस कार्य को और खुलेआम तरीके से अंजाम देने का काम इस अवैध कारोबार में संलिप्त लोग करते हैं।

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