कोरोना काल में सिगरेट-बीड़ी की बिक्री पर लगे रोकः हाईकोर्ट

कोरोना काल में सिगरेट-बीड़ी की बिक्री पर लगे रोकः हाईकोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2021-04-23 12:48 GMT
कोरोना काल में सिगरेट-बीड़ी की बिक्री पर लगे रोकः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को ऐसे कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा देने का निर्देश दिया है, जिन्हें धूम्रपान की लत थी। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि कोरोना वायरस सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है। कोर्ट ने कहा कि इस बारे में अध्धयन भी किया गया है।लेकिन सार्वजनिक रुप से इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। सिगरेट का सेवन नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए घातक है। यह लोगों की सेहत पर विपरीत असर डालता है। इसलिए इस दिशा में कदम उठाना जरूरी है। लिहाजा कोरोना महामारी के काल मे सिगरेट व बीडी की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ को इससे पहले बताया गया की सिगरेट का सेवन करने वालो के लिए कोरोना अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार को ऐसे कोरोना पीड़ितों की जानकारी देने को कहा जिन्हें सिगरेट की लत थी। इसके अलावा कोरोना काल में खंडपीठ ने सिगरेट व बीडी की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने यह निर्देश पेशे से वकील स्नेहा मर्जादी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। खंडपीठ ने सरकार को सारी जानकारी 4 मई 2021 को हलफनामे में देने को कहा है। इस बीच खंडपीठ ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर तो कोरोना से निपटने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ खुद के दायित्वों पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके लिए कोरोना से बचने के संबंध में सरकार ने जो सुरक्षा के उपाय बताए हैं। उनका गंभीरता से पालन करना चाहिए। क्योंकि कई बार लोग कोरोना से बचाव में कारगर मास्क को नाक के नीचे किए नजर आते हैं। 

लैब की संख्या बढ़ाने के बारे में एक सप्ताह में निर्णय ले सरकार

खंडपीठ ने कहा कि कोरोना की जांच करने वाले निजी व सरकारी लैब से काम का बोझ कम करने के लिए कानूनी रूप से पात्र और लैब को मंजूरी प्रदान करें। सरकार इस बारे में एक सप्ताह के बारे में निर्णय ले। इसके अलावा कोरोना का उपचार करने वाले सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के बारे में जानकारी देने के लिए एक नोडल एजेंट नियुक्त करें व उसे पर्याप्त स्टॉफ प्रदान करे। इसके अलावा बेड व दवाओं की जानकारी के लिए 24 घंटे सक्रिय रहनेवाली हेल्पलाइन शुरु करें। यदि हेल्पलाइन पर जानकारी न मिलने की शिकायत मिले तो इसे बर्दाश्त न किया जाए। इसके अलावा रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों को अस्पताल व कोरोना केयर केंद्र में उपलब्ध कराए जाए और इंजेक्शन की उपलब्धता की जानकारी हेल्पलाइन में भी दी जाए।  

 

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