प्रदेश में हींग व केसर की खेती के लिए ‘कृषि से संपन्नता’ योजना आरम्भ

प्रदेश में हींग व केसर की खेती के लिए ‘कृषि से संपन्नता’ योजना आरम्भ

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-18 08:20 GMT
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 डिजिटल डेस्क, शिमला। प्रदेश में हींग व केसर की खेती के लिए ‘कृषि से संपन्नता’ योजना आरम्भ कृषि मन्त्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश में हींग और केसर की खेती आरम्भ कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने इस खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘कृषि से संपन्नता’ योजना आरम्भ की है, जिसके सफल कार्यान्वयन के लिए कृषि विभाग ने विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। इस योजना के तहत 6 जून, 2020 को हिमालय जैव सम्पदा प्रौद्योगिकी संस्थान आईएचबीटी, पालमपुर के साथ समझौता हस्ताक्षरित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हींग व केसर की खेती के लिए मंडी, चम्बा, लाहौल-स्पीति व किन्नौर जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्र अनुकूल पाए गए हैं और लाहौल-स्पीति के कोरिंग गांव में हींग का पहला पौधा रोपित किया गया है। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत हींग व केसर की खेती के लिए सरकार ने 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हींग की खेती के लिए कृषि विभाग ने पांच वर्षों में 302 हेक्टेयर क्षेत्र और केसर की खेती के लिए तीन वर्षों में 3.5 हेक्टेयर क्षेत्र को खेती करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत किसानों व अधिकारियों को इस खेती की विधि की व्यापक जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रावधान भी किया गया है। हींग और केसर की खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था का सुदृढ़ होना भी अति आवश्यक है। उन्होंने कृषि विभाग को इन क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

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