डिण्डौरी को सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

डिण्डौरी को सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 07:41 GMT
डिण्डौरी को सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। जिले में किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है वर्तमान हालातों में पानी की कमी के चलते अनेक गांव में किसान बोवनी भी नहीं कर पाए है। वहीं किसानों को उनकी उपज का भी सही आकलित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। इन स्थितियों में से किसान के आर्थिक हालात बिगड़ते चले जा रहे है। उपरोक्त उद्गार विधायक ओमकार मरकाम ने कलेक्ट्रेट तिराहे पर चल रहे किसान आंदोलन में व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा। मुख्य रूप से जिले को सूखा ग्रस्त घोषित किए जाने के लिए मांग की जा रही है और अल्प वर्षा ने किसानों के सामने बदत्तर हालात निर्मित कर दिए है जिसे लेकर बीमा योजना के तहत लाभ दिलाए जाने की भी अपेक्षा शासन से की गई है। बुधवार को बड़ी संख्या में किसानों ने विधायक के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौपा है। किसानों ने कहा है कि इस वर्ष खरीफ फसल में कम वर्षा की वजह से सभी खरीफ उत्पाद धान, सोयाबीन आदि खासे प्रभावित हुए है और जहां किसान एक एकड़ में 8 से 10 बोरे अनाज पैदा कर लेता था वहीं कई स्थानों पर किसानों का बीज भी नहीं निकल सका है। लागत न निकलने के कारण कृषकगण बैंकों से लिए ऋण को भी नहीं चुका पा रहे है। वहीं दूसरी ओर लागत मूल्य न निकलने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति डामाडोल हो चुकी है और उनके सामने रबी सीजन की बोवनी करने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। यहां कुकर्रामठ, सरहरी, छाटा, मडिय़ारास, खरगहना सहित अनेक ग्रामों से आए कृषकों ने सामूहिक ग्रामवार अपनी निजी जानकारी भी साझा की है। जिसमें उन्होंने कहा कि शासन की ओर से किसी भी प्रकार की राहत उन्हें नहीं दी गई है और यही वजह है कि जिले के सभी लेम्पस में धान का विक्रय शून्य प्रतिशत बना हुआ है। इससे यह प्रमाणित हो जाता है कि धान की फसल चौपट हो चुकी है। कृषकों ने सूखा ग्रस्त राशि एवं बीमा राशि प्रदाय करने की मांग सरकार से की है। किसानों का कहना है कि अगर उनकी बाते नहीं सुनी जाती है तो वे अनिश्चित कालीन आंदोलन करेंगे और इसकी जबावदारी शासन प्रशासन की होगी। यहां आंदोलन में बैठे कृषकों में अनिल सिंह मड़रियारास, उग्र सेन सिंह, मुरली सिंह, कुमार सिंह क्विटी, भोला प्रसाद छाटा, उत्तम सिंह सरहरी, रामायण सिंह, धरम सिंह, कमल सिंह सरहरी, लखन सिंह डांडबिछिया, चेतराम चंदेल, अरूण कुमार, विजय ठाकुर, ओमकार सिंह कुकर्रामठ, चन्द्रसिंह घानाघाट सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

 

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