ऑनलाइन होंगे पीयूसी सेंटर , बिना परीक्षण सर्टिफिकेट बनाने वालों की शामत

ऑनलाइन होंगे पीयूसी सेंटर , बिना परीक्षण सर्टिफिकेट बनाने वालों की शामत

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-19 08:11 GMT
ऑनलाइन होंगे पीयूसी सेंटर , बिना परीक्षण सर्टिफिकेट बनाने वालों की शामत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। हर क्षेत्र में निर्माण कार्य जारी है। गाड़ियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। प्रदूषण पर नियंत्रण करने और वाहनों का प्रदूषण स्तर जानने के लिए पोल्युशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) अनिवार्य किया गया था। इस विषय पर  कई बार शिकायतें सामने आई थी कि बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के गाड़ियां सड़कों पर घूम रही हैं और बिना जांच किए पीयूसी सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं, जिसके कारण वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण भी बढ़ रहे हैं।  आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी नागरिक पीयूसी को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। इसलिए जिले के सभी पीयूसी सेंटर को ऑनलाइन किया जा रहा है। ऑनलाइन होते ही गाड़ियाें के पीयूसी सर्टिफिकेट कब बनाए गए हैं और कब एक्सपायर होंगे, इसकी जानकारी लेना आसान हो जाएगा। अभी पूरे जिले में 34 पीयूसी सेंटर हैं जिसमें से 16 सेंटर ऑनलाइन हो चुके हैं। इसी तरह, शहर आरटीओ में कुल 13 पीयूसी केंद्र हैं, जिसमें से 9 केंद्रों को ऑनलाइन किया जा चुका है। शेष केंद्रों को भी आनलाइन करने की तैयारी है।

इसलिए जरूरी

पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए नागरिक अभी भी गंभीर नहीं हुए हैं। बिना पीयूसी जांच के शहर में गाड़ियां चल रही हैं। इसमें गाड़ी के साइलेंसर में पाइप डाल कर निकलने वाली गैस को चेक किया जाता है। वाहनों के ईंधन से निकलने वाली कार्बन मोनो-आक्साइड, हाइड्रोकार्बन, नाइट्रस आक्साइड्स और पर्टिक्युलेट मैटर हानिकारक होते हैं। इसलिए एक वर्ष पुरानी गाड़ी का जांच कर पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य है। इसे हर 6 माह में फिर से चेक करवाकर रिन्यू करवाना होता है। अब तक इसकी सभी कार्यवाही ऑफलाइन की जाती थी, लेकिन अब इन्हें हर जगह ऑनलाइन किया जा रहा है। 

वेबकैम और कम्प्यूटर सेटअप

जिले में कुल 34 पीयूसी केंद्र है जिसमें, शहर आरटीओ के अंतर्गत कुल 13 पीयूसी केंद्र हैं। इसमें से 9 को ऑनलाइन कर दिया गया है। पूर्व आरटीओ में 12 में से 5 केंद्रों को ऑनलाइन किया गया है। ग्रामीण में 9 पीयूसी केंद्र हैं, जिसमें से 2 को ऑनलाइन किया है। परिवहन विभाग की ओर से प्रत्येक आरटीओ कार्यालय को प्रायोगिक स्तर पर दो पीयूसी केंद्र ऑनलाइन करने को कहा गया था। इसे अॉनलाइन करने के लिए केंद्रों मंे वेबकैम, कम्प्यूटर सेटअप लगाया गया है।
 

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