रायगढ़ : धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत ग्राम मेढरमार में मृत हाथी घटना पर वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही

रायगढ़ : धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत ग्राम मेढरमार में मृत हाथी घटना पर वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-09-29 09:59 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायगढ़। 28 सितम्बर2020 ग्राम-मेढरमार में गत दिवस 23 सितम्बर 2020 को एक व्यस्क नर हाथी की मृत्यु की सूचना वन प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्री परमानंद साहू द्वारा प्रात: 6 बजे फोन के माध्यम से परिसर रक्षक श्री राजेन्द्र ईजारदार को दिया गया। श्री राजेन्द्र ईजारदार द्वारा दूरभाष से वन परिक्षेत्राधिकारी धरमजयगढ़ को लगभग प्रात: 6.30 बजे इस बात की सूचना दी गई कि तराईमार परिसर अंतर्गत एक व्यस्क नर हाथी की मृत्यु अवैध विद्युत कनेक्शन की चपेट में आने से हो गई है। सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्राधिकारी धरमजयगढ़ अपने अधीनस्थ अमलों के साथ घटना स्थल पहुंचकर घटना की विस्तृत जानकारी वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ को दिया गया। वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ द्वारा भी घटना स्थल पर पहुंचकर घटना की विस्तृत जानकारी ली गई एवं स्थल निरीक्षण में पाया गया कि जिस खेत में हाथी की मृत्यु अवैध विद्युत कनेक्शन के चपेट में आने से हुई है। उस खेत का वास्तविक भूमि स्वामी सतीश वर्मा वल्द पूरन लाल वर्मा धरमजयगढ़ की है। परंतु श्री सतीश वर्मा के भूमि पर खरीफ फसल की खेती श्री सुधुराम वल्द फूलचंद उरांव एवं धरमसाय वल्द सुधुराम उरांव साकिन मेढरमार के द्वारा लगाया गया है। उक्त भूमि पर सिंचाई हेतु बोर खनन किया जाकर विद्युत पंप संचालित करने के लिए मुख्य विद्युत लाईन से 268 मीटर की दूरी से लकड़ी के छोटे खम्भे गाड़कर बोर तक अवैध लुज कनेक्शन खींचकर किया गया है। जिसके कारण वन्य प्राणी जंगली हाथी उस धान की खेती से रात में जब गुजर रहा था तभी उक्त अवैध कनेक्शन की चपेट में आने से हाथी की मृत्यु हो गई। इस घटना की सूचना प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी रायपुर को जैसे हुई सभी वरिष्ठ अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे उसी दरमियान क्षेत्रीय अमले द्वारा वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के द्वारा धारा 2, 9, 49 ए, 50, 51, 52 तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 के उल्लंघन पाये जाने पर अपराध प्रकरण क्रमांक 14118 /10 दिनांक 23 सितम्बर 2020 जारी किया गया मौके का पंचनामा जप्तीनामा गवाहों का बयान दर्ज करते हुये उपयोग की जाने वाली विद्युत तार 268 मीटर 3 नग, स्टार्टर 1 नग, बोर पंप एवं विभिन्न प्रजाति के 9 नग खूंटा दो नग हाथी दांत जप्त किया गया जो परिसर रक्षक श्री राजेन्द्र ईजारदार तराईमार के सुपुर्द में दिया गया। वन्यप्राणी जंगली हाथी का मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर, उप वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ एवं पंचों के समक्ष पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक नायक, डॉ. अनिल सिंह एवं डॉ.जे.एल.कुशवाहा के द्वारा विधिवत मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया गया एवं मृत हाथी के विभिन्न अंगों का सेम्पल विषरा तैयार कर जांच हेतु सुरक्षित रखा गया एवं जेसीबी की सहायता से मृत हाथी को जमीन के अंदर दफन किया गया। दिनांक 24 सितम्बर 2020 को प्रकरण में आरोपी श्री सुधुराम वल्द फूलचंद उरांव एवं धरमसाय वल्द सुधुराम उरांव साकिन मेढरमार को चिकित्सा अधिकारी धरमजयगढ़ से मेडिकल जांच कराकर आरोपियों को न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी धरमजयगढ़ के समक्ष प्रस्तुत कर 7 अक्टूबर 2020 तक का रिमांड प्राप्त कर आरोपियों को जिला जेल रायगढ़ में भेजा गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षण वन्य प्राणी रायपुर श्री पी.व्ही.नरसिंह राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी रायपुर श्री अरूण कुमार पाण्डेय एवं मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त बिलासपुर श्री अनिल सोनी की उपस्थिति में सी.एस.पी.डी.सी.एल.विद्युत विभाग एवं वन विभाग के रायगढ़ वनमंडलाधिकारी श्री मनोज पाण्डेय, वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ श्री मणिवासन एस., वनमंडलाधिकारी कोरबा श्री गुरूनाथन, वनमंडलाधिकारी कटघोरा श्रीमती शमा फरूकी एवं उप वनमंडलाधिकारियों के साथ धरमजयगढ़ विक्रय काष्ठगार में बैठके आयोजित कर वन क्षेत्रों में होने वाली हाथी मृत्यु घटना पर संयुक्त रूप से चर्चा, सुझाव, उपरांत दिये गये निर्देशानुसार 25 सितम्बर 2020 से हाथी रहवास क्षेत्र अंतर्गत किये गये अवैध विद्युत कनेक्शनों को हटाने की कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। स.क्र./186/राहुल

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