रायगढ़ : आजीविका मूलक कार्यों को बढ़ावा दें-कलेक्टर श्री भीम सिंह : कलेक्टर ने दिये 500 हेक्टेयर क्षेत्र में मुनगा के पौधे लगाने के निर्देश

रायगढ़ : आजीविका मूलक कार्यों को बढ़ावा दें-कलेक्टर श्री भीम सिंह : कलेक्टर ने दिये 500 हेक्टेयर क्षेत्र में मुनगा के पौधे लगाने के निर्देश

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-12 09:35 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायगढ़। 11 अक्टूबर 2020 कलेक्टर श्री भीम सिंह ने कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में आजीविका मूलक कार्यों को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की, जिससे जिले में मछली पालन, मुर्गी पालन, दुग्ध उत्पादन, सब्जी इत्यादि की खेती को बढ़ावा दिया जा सके और वनोपज का संग्रहण तथा बिक्री बढ़ायी जा सके। उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल वातावरण है प्रत्येक ग्राम पंचायत में वहां के जनप्रतिनिधि की सहमति से एक तालाब को छोड़कर शेष तालाबों को स्व-सहायता समूहों को आबंटित कर मछली उत्पादन व्यावसायिक रूप से किया जा सकता है, उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों को सेनेटरी पैड बनाये जाने हेतु मशीने उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले मे दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये। दुग्ध उत्पादन बढऩे से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को बढ़ावा मिलेगा और बच्चों को कुपोषण से मुक्ति मिलेगी, उन्होंने जिले में मुर्गी पालन और अण्डा उत्पादन के लिये विस्तृत कार्ययोजना बनाने और जिले में कुल खपत के अनुसार अण्डा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को जिले में स्थापित होने वाली मुनगा प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना में देरी के लिये अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये एक माह में टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण करने तथा प्रति सप्ताह की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने 500 हेक्टेयर क्षेत्र में मुनगा के पौधे तैयार करने की कार्ययोजना बनाने और डीएफओ रायगढ़ के माध्यम से वनभूमि पर मुनगा के पौधे लगाने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने उप संचालक कृषि को जिले में रागी, कोदो-कुटकी की खेती के लिये किसानों को प्रोत्साहित करने और इसके लिये प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये और जिले में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिये कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने वनों से प्राप्त होने वाले उत्पादों और उनकी प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने तथा बिक्री के लिये प्रस्ताव तैयार किये जाने को कहा। उन्होंने जिले में रेशम उत्पादन की संभावना को देखते हुये उपयुक्त क्षेत्रों में रेशम केन्द्र की स्थापना और वृहद स्तर पर रेशम उत्पादन के लिये आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि आजीविका मूलक कार्यों को बढ़ावा देने के लिये पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है अत: संबंधित विभागों के अधिकारी जिम्मेदारीपूर्वक इन कार्यों को आगे बढ़ावे। समीक्षा बैठक के दौरान वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ श्री एस.मणिवासन, सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, डीएफओ रायगढ़ श्री मनोज पाण्डेय सहित कृषि, पशुपालन, मछली पालन, रेशम, आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे तथा जिले के सभी एसडीएम तथा जनपद सीईओ वीडियो कान्फ्रेसिंग से जुड़े रहे।

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