कम हो रहे यात्री, जबकि बढ़ रही रेलवे की आमदनी, आखिर क्या है माजरा?

कम हो रहे यात्री, जबकि बढ़ रही रेलवे की आमदनी, आखिर क्या है माजरा?

Tejinder Singh
Update: 2018-08-27 14:54 GMT
कम हो रहे यात्री, जबकि बढ़ रही रेलवे की आमदनी, आखिर क्या है माजरा?

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले पांच सालों के दौरान रेलवे की कमाई में लगातार बढ़ोतरी दिख रही है, लेकिन यात्रियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। बढ़ती ट्रेनें और सुविधाओं के बावजूद यात्री रेल सफर से किनारा करना समझ से परे है। आंकड़ों को देखे तो वर्ष 2013 में मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत 361.45 लाख यात्रियों ने टिकट निकाली है, लेकिन पांच वर्षों बाद वर्ष 2017 का आंकड़ा 345.68 लाख है। ऐसे में पांच वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में यात्री कम होने का चित्र सामने हैं। हालांकि अर्निंग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वर्ष 2013 में 391.16 करोड़ की अर्निंंग हुई थी। वही वर्ष 2017-18 में यात्री कम होने के बाद भी यह आंकड़ा 546.97 करोड़ पर पहुंचा है।

रेलवे सफर पहले से ही हर किसी के लिए महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन अत्याधुनिक युग में हाईटेक होती परिवहन व्यवस्था के कारण अब यात्री रेलवे से किनारा कर रहे हैं। यह मध्य रेलवे नागपुर मंडल के आंकड़े कह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013-14 में 3 करोड़ 61 लाख 45 हजार यात्रियों ने टिकटें बनाई थीं। जिससे 391 करोड़ 16 लाख अर्निंग हुई थी। अगले वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ते देखने मिली। 2014-15 में 3 करोड़ 70 लाख 80 हजार यात्रियों ने टिकटें बनाई है। जिससे 451 करोड़ 93 लाख अर्निंग हुई थी।

अगले ही वर्ष यात्रियों की संख्या में गजब की कमी देखने मिली। जिसमें वर्ष 2015-16 में 3 करोड़ 56 लाख 17 हजार यात्रियों ने ही टिकट बनाई। जिससे अर्निंग गत वर्ष की तुलना अधिक यानी 471 करोड़ 27 लाख हुई थी। इसके आगे भी यात्रियों की संख्या में गिरावट आई। वर्ष 2016-17 में 3 करोड़ 49 लाख 36 हजार यात्रियों ने टिकटें बनाई। जिससे अर्निंंग 499 करोड़ 39 लाख मिली। वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा और भी कम हुआ। 3 करोड़ 45 लाख यात्रियों ने ही टिकट बनाई। जिससे 5 सौ 46 करोड़ 97 लाख की अर्निंंग हुई।

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