संसार में दुःख से छुटकारा पाने के लिए धर्म ही सहारा-सुवीरसागर

संसार में दुःख से छुटकारा पाने के लिए धर्म ही सहारा-सुवीरसागर

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-28 07:22 GMT
संसार में दुःख से छुटकारा पाने के लिए धर्म ही सहारा-सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संसार में दुःख से छुटकारा पाने के लिए धर्म ही सहारा है। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर, महल में व्यक्त किए।  आचार्य सुवीरसागर ने कहा कि आत्मानुशासन ग्रंथराज में आचार्य गुणभद्रस्वामी ने कहा है कि संसार में सभी जीवों को सुख और दुःख प्राप्त होते हैं। दुःख से छुटकारा चाहते हो तो एकमात्र धर्म ही सहारा है। हमारा धर्म से संबंध बना रहे क्योंकि इससे आत्मिक शांति प्राप्त होती है। 28 नवंबर को श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर तुलसीनगर की ओर बाजे-गाजे के साथ त्यागी भवन, इतवारी से सुबह 6.30 बजे विहार होगा। 8.30 बजे प्रवचन, दोपहर 3.30 बजे स्वाध्याय और शाम 6 बजे आरती गुरुभक्ति तथा 9 बजे वैयावृत्ति होगी। संघ का निवास तुलसीनगर के श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के भवन में रहेगा। संतोष नेताजी जैन एवं मंदिर कमेटी ने की है। दीप प्रज्वलन चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष पवन जैन कान्हीवाडा, प्रदीप काटोलकर, सोनू मोनू जैन कोयलावाला परिवार, महामंत्री पंकज बोहरा, मनोज मांडवगडे, सुधीर सावलकर, अरुण श्रावणे नेे किया। मंगलाचरण अनिता बैसाखिया जैन ने गाया। जिनवाणी भेंट प्रतिभा जैन कन्हीवाड़ा, सुधा चौधरी, सरला जैन, कक्कू जैन ने की। 

सभी रोग, शोक, ताप दूर हो जाते हैं गंधोदक से 
गंधोदक से सभी रोग, शोक, ताप दूर हो जाते हैं और परंपरा से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यह उद्गार आचार्य सुवीरसागर ने मोठे मंदिर में व्यक्त किए। इस अवसर पर हीराचंद मिश्रीकेाटकर परिवार सहित भगवान का पंचामृत अभिषेक किया। आचार्यश्री ने कहा कि यह मंदिर बहुत पुराना और ऊर्जावान है। कई महाराज साहब ने चातुर्मास और ध्यान किए। साधना की। शांतिमंत्र का उच्चारण आचार्यश्री के मुखारविंद से हुआ। ऐसे गंधोदक को अपने माथे पर लगाकर भक्त धन्य हुए। प्रतिदिन आचार्यश्री का सान्निध्य नहीं मिलेगा, क्योंकि वह निरंतर धर्म प्रभावना और स्वयं की धर्म साधना के लिये विहार करते रहते हैं। 300 साल प्राचीन यह मंदिर आर्षमार्गी है। कई पीढ़ियों ने यहां धर्म साधना की। पार्श्वनाथ भगवान की भक्ति प्रसाद से बिगड़ा हुआ काम बन जाता है। आदिनाथ भगवान, पार्श्वनाथ एवं मुनिसुव्रतनाथ भगवान भी अतिशयकारी है। मोठे मंदिर के अध्यक्ष उदय जैन, मंत्री शरद ठवली सहित समस्त कार्यकारिणी केे सहयोग से मंदिर का काम सुचारु रूप से चल रहा है। आचार्यश्री ने सभी को आशीर्वाद दिया कि आर्षमार्ग की रक्षा के लिए कटिबद्ध रहें यह मंगल आशीर्वाद सभी को दिया।  

 

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